कोर्ट पहुंची सिद्धू व फास्ट-वे कम्पनी के मालिकों की लड़ाई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Aug, 2017 09:29 AM

clash between sidhu and fastway

लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू व फास्ट-वे कम्पनी के मालिकों के बीच कई मोर्चों पर चल रही लड़ाई अब कोर्ट पहुंच गई है।

लुधियाना (हितेश): लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू व फास्ट-वे कम्पनी के मालिकों के बीच कई मोर्चों पर चल रही लड़ाई अब कोर्ट पहुंच गई है। इसके तहत फिरोजपुर रोड स्थित मॉल में हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए नगर निगम द्वारा जारी नोटिस को प्रबंधकों ने निचली अदालत में चैलेंज कर दिया है, जिसे लेकर वीरवार को सुनवाई होने की सूचना है। इस मामले में विधायक बैंस द्वारा की शिकायत के आधार पर सिद्धू ने कार्रवाई के आदेश जारी किए हुए हैं। इसके चलते निगम अफसरों की टीम ने शनिवार को मौके पर जाकर पैमाइश की तो सबसे ऊपरी मंजिल पर शैड के रूप में हुए निर्माण को तय नियमों से ज्यादा होने के कारण अवैध करार दे दियाह्य, जिसे सील करने से पहले 3 दिन का नोटिस दिया गया है कि अतिरिक्त जगह में बने रैस्टोरैंट को खुद हटा लिया जाए। यह नोटिस मिलते ही मॉल प्रबंधकों ने कोर्ट का रुख कर लिया और निगम की प्रस्तावित कार्रवाई को चैलेंज किया है। उनके मुताबिक सरकार 2017 के लिए जारी किए ड्राफ्ट बायलॉज में यह निर्माण कम्पाऊंडेबल है और उसके बदले बनती फीस वे जमा करवाने को तैयार हैं। इसके बावजूद उन पर सियासी बदले की भावना से कार्रवाई की तैयारी चल रही है। जिसे लेकर कोर्ट ने निगम को वीरवार को पक्ष रखने के लिए कहा है।  

नोटिस देने को लेकर हुई माथापच्ची
निगम अफसरों ने मॉल की सबसे ऊपरी मंजिल पर हुए निर्माण को शनिवार को ही अवैध करार दे दिया था लेकिन रविवार को पूरी फोर्स के साथ वहां जाने के समय मॉल से दूरी बनाए रखी। बताया जाता है कि अवैध निर्माण के हिस्से पर कार्रवाई करने से पहले नोटिस देने या न देने को लेकर ही 2 दिन तक माथापच्ची होती रही, क्योंकि सिद्धू चाहते थे कि बिना नोटिस के ही कार्रवाई की जाए। जबकि अफसरों ने लीगल राय लेकर पहले नोटिस जारी करने का ही दबाव बनाया। 

फ्रैंडली मैच को लेकर लगी फटकार 
‘पंजाब केसरी’ ने पहले ही दिन खुलासा कर दिया था कि कार्रवाई को लेकर मॉल प्रबंधकों व निगम अफसरों के बीच फ्रैंडली मैच चल रहा है, क्योंकि उन्होंने सुबह ही सिद्धू के आदेश मिलने के बावजूद मौके पर जाने में कई घंटे लगा दिए। जिसकी सूचना भी पहले ही लीक हो गई और मॉल प्रबंधकों ने अकाली नेताओं को अपने समर्थन में वहां इकट्ठा कर लिया। जिनके विरोध का हवाला देते हुए निगम अफसरों ने कार्रवाई किए बिना बैरंग लौटने का नाटक किया। यहां तक कि मॉल प्रबंधकों से कार में बैठकर बातचीत भी की। इस बारे छपी फोटो व खबर दिखाकर सिद्धू ने अफसरों को फटकार लगाई तो अफसरों को कोई जवाब नहीं सूझा।

देर शाम तक होती रही रिकार्ड की चैकिंग 
अवैध निर्माण के अलावा बैंस ने निगम से नीलामी के जरिए मॉल की जगह खरीदने में भी धांधली होने का आरोप लगाया है। इस पर सरकार ने सारा रिकार्ड तलब कर लिया। इसकी एडीशनल चीफ सैक्रेटरी सतीश चंद्रा की मौजूदगी में देर शाम तक चैकिंग होती रही। उसमें इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट से जगह ट्रांसफर होने से लेकर बोली तथा एग्रीमैंट व रजिस्ट्री होने तक के सारे पहलु चैक किए गए। इसी तरह निर्माण के लिए नक्शा पास करवाने की प्रक्रिया की भी जांच हुई। उसमें अगर कहीं नियमों में छूट देने की बात सामने आई तो जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।

15 अगस्त को ग्रीन बैल्ट की जगह में फिर हुई अधूरी कार्रवाई
मॉल से जुड़े विवाद में एक मामला साथ लगती ग्रीन बैल्ट का भी है। जहां पार्किंग बनाई गई थी। जिसकी टाइलें उखाडऩे के लिए शनिवार शाम को की गई कोशिश कामयाब न हुई तो अफसरों ने देर रात वहां एक फुटपाथ तोडऩे की खानापूर्ति की। उसे लेकर ङ्क्षखचाई होने पर 15 अगस्त को स्टाफ फिर मौके पर पहुंचा और वहां पौधे लगाने के नाम पर कार्रवाई की। जिसका प्रबंधकों ने विरोध किया तो मुलाजिम एक बार फिर उसी जगह में गड्ढे खोदकर वापस लौट आए। 

 
 

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