सूंढ ने अंबिका तो अटवाल ने कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोला

Edited By Updated: 25 Jan, 2017 01:56 AM

captain soni atwal then pitched against sund

कांग्रेस से विमुख होकर आजाद चुनाव लडऩे वाले लोगों को डराने-धमकाने वाले नेता....

जालंधर(चोपड़ा): कांग्रेस से विमुख होकर आजाद चुनाव लडऩे वाले लोगों को डराने-धमकाने वाले नेता यह भूल गए हैं कि कांग्रेस उनकी निजी जागीर नहीं है। उक्त शब्द बंगा व नकोदर से आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडऩे वाले कांग्रेस के पूर्व विधायकों त्रिलोचन सिंह सूंढ व गुरविन्द्र सिंह अटवाल ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि ऐसी धमकियां देने वाले नेता पहले अपने गिरेबान में झांक कर बताएं कि वे कितनी बार कांग्रेस को छोड़ चुके हैं। 


सूंढ ने बताया कि वह कांग्रेस के एकमात्र ऐसे सीटिंग विधायक हैं जिनकी टिकट कटी है। टिकट कटवाने के पीछे अंबिका सोनी का हाथ है क्योंकि वह नहीं चाहतीं कि कै. अमरेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री बने। सूंढ ने कहा कि कांग्रेस के कुछ सीनियर नेता नहीं चाहते थे कि कोई दलित उभर कर सामने आए। जो नेता 18 सालों से बंगा नहीं गया उसे टिकट दे दी गई। 


अटवाल ने बताया कि वह नकोदर से चुनाव लडऩे के इच्छुक थे परंतु पार्टी ने उन्हें भुलत्थ भेज दिया लेकिन वहां पर माहौल न बनता देखकर उन्होंने समय रहते चुनाव न लडऩे का फैसला किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में पनपी फूट का ही असर है कि कांग्रेस ने अभी मुख्यमंत्री उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया और अमृतसर में नवजोत सिंह सिद्धू के भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर लग गए हैं।

 
अटवाल ने कै. अमरेन्द्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि आज उन्हें बागी बोला जा रहा है परंतु प्रदेश प्रधान पद पाने को लेकर हाईकमान को धमकाने वाले नेता क्या पार्टी भक्त हैं जबकि ऐसे ही नेताओं ने निजी हितों की खातिर कांग्रेसियों के घरों में फूट डालने का काम किया। पूर्व विधायक कंवलजीत ंिसह लाली और उनके भाई को आपस में लड़वाया गया, गुरचेत सिंह भुल्लर और अवतार हैनरी के घरों में फूट डाली गई। अगर प्रताप सिंह बाजवा के भाई को टिकट न मिलती तो वहां भी ऐसे ही हालात देखने को मिलते। 

 

संूढ व अटवाल ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने फैसला किया था कि एक घर में केवल एक टिकट दी जाएगी। इसके अलावा 2 बार व 10,000 वोटों के अंतर से हारने वाले नेताओं को टिकट नहीं मिलेगी परंतु कांग्रेस ने कोई सिद्धांत फालो नहीं किया और ऐसे कई नेताओं को टिकट दे दिया जो कि जीतने की काबिलियत नहीं रखते हैं। चुनाव मैदान से न हटने पर जिंदगी भर कांग्रेस से निकाल देने के अल्टीमेटम पर व्यंग्य कसते हुए उक्त नेताओं ने कहा कि कल लाइम टाइम किसने देखा है। आगामी संसद चुनावों में धमकाने वाले नेता ही पत्रकारों को लेकर हमें मनाने हमारे घर आएंगे। उन्होंने कहा कि हम धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। जनता की अदालत में अपना केस रखेंगे और जीत कर अपनी वापसी करके दिखाएंगे। 

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