Edited By Kamini,Updated: 25 Jun, 2025 04:29 PM

ईरान-इजराइल युद्ध का असर पंजाब में भी देखने को मिल रहा है।
पंजाब डेस्क : ईरान-इजराइल युद्ध का असर पंजाब में भी देखने को मिल रहा है। भारत ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 1,923 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की है। यह आंकड़ा 2023-24 की तुलना में लगभग 3.97% अधिक है, जिसके पीछे मुख्य कारण मध्य पूर्व में बढ़ती मांग है। पिछले सप्ताह ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के कारण चावल की खेप में बाधा आई, लेकिन निर्यात में फिर भी वृद्धि हुई।
कोलकाता स्थित वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2024-25 में 50,312 करोड़ रुपए (लगभग $5.87 बिलियन) मूल्य का बासमती चावल निर्यात किया, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 48,389 रुपए करोड़ था।
वर्ष 2024-25 के दौरान भारत ने लगभग 60.65 लाख मीट्रिक टन (LMT) बासमती चावल का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष के 52.42 LMT से 15.7% (8.23 LMT) अधिक है। APEDA के अनुसार, भारत ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान 154 देशों को बासमती चावल का निर्यात किया। सऊदी अरब 11.73 LMT के साथ सबसे बड़ा खरीदार था, उसके बाद इराक (9.05 LMT) और ईरान (8.55 LMT) का स्थान रहा। ये तीनों देश वर्ष 2023-24 में भी शीर्ष पर थे।
रुपये के हिसाब से, सऊदी अरब ने 10,190.73 करोड़ रुपए का चावल खरीदा। इराक ने 7,201 करोड़ रुपए, ईरान ने 6,374 करोड़ रुपए, यूएई ने 3,089 करोड़ रुपए, यमन ने 3,038.56 करोड़ रुपए और अमेरिका ने 2,849 करोड़ रुपए खरीदा। यूके (1,613.36 करोड़ रुपए), कुवैत (1,518.8 करोड़ रुपए), ओमान (1,223 करोड़ रुपए) और कतर (1,040 करोड़ रुपए) भी प्रमुख खरीदार रहे।
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