लोकसभा चुनावों के बाद अकाली दल में बड़ा धमाका, अयाली ने पार्टी से किया किनारा

Edited By Vatika,Updated: 07 Jun, 2024 12:59 PM

big explosion in akali dal after lok sabha elections

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अकाली दल में अंदरूनी कलह बढ़ता जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनप्रीत अयाली ने एक बार फिर तीखे तेवर दिखाते हुए लीडरशिप पर सवाल उठाए हैं

चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अकाली दल में अंदरूनी कलह बढ़ता जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनप्रीत अयाली ने एक बार फिर तीखे तेवर दिखाते हुए लीडरशिप पर सवाल उठाए हैं, वहीं  झुंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू होने तक पार्टी से किनारा कर लिया है। मनप्रीत ने कहा है कि शिरोमणि अकाली दल पंजाब का पंथ और सिरमौर जत्थेबंदी है, जिसका बहुत सम्मानजनक इतिहास है, लेकिन पार्टी नेताओं द्वारा लिए गए फैसलों के कारण अकाली दल के सिद्धांतों में बड़ी गिरावट आई है। इसके चलते 2017 के विधानसभा चुनाव से लेकर मौजूदा लोकसभा चुनाव तक ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशियों को जमानत जब्त होने जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि राज्य में 10 वर्षों तक लगातार शासन करने के बाद भी पार्टी लोगों की भावनाओं के विपरीत गलत निर्णय लेती रही और राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी पार्टी द्वारा भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में गलत निर्णय लिया गया, जिससे मेरी ओर से किसानों एवं सिखों द्वारा भी देश की भावनाओं के अनुरूप चुनाव का बहिष्कार कर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। विधायक अयाली ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के दो मजबूत पक्ष पंथ और किसान रहे हैं और जब केंद्र के तीन कानूनों के खिलाफ किसानों का संघर्ष शुरू हुआ, तब भी पार्टी किसानों के मुद्दे पर सही समय पर फैसला नहीं ले सकी। उन्होंने कहा कि झुंदा कमेटी की सिफ़ारिशें लागू ना करने के विरोध में पिछले 2 सालों से पार्टी की गतिविधियों से दूर था लेकिन लोकसभा चुनावों दौरान पार्टी का वफादार सिपाही होने के नाते पूरी मेहनत से अकाली उम्मीदवार को जीताने के लिए काम किया पर नतीजे सबके सामने आए है।

अयाली ने कहा कि पंजाब में पंथल सोच हमोशा ही मजबूत रही है और पार्टी इस समय पंजाब में चल रही सांप्रदायिकता को पहचानने में नाकाम रही है, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पार्टी में इस गिरावट पर मंथन करने के लिए 2022 में गठित झुंदा कमेटी की रिपोर्ट पर अमल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वह हमेशा पार्टी के वफादार सिपाही रहे हैं, लेकिन झुंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू होने तक पार्टी गतिविधियों से दूर रहेंगे। अयाली ने कहा कि पार्टी को आज किसानों, पंथ और पंजाबियों का विश्वास हासिल करने के लिए बड़े फैसले लेने की जरूरत है ताकि पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जा सके।

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