Edited By Vatika,Updated: 27 Aug, 2025 08:32 AM

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में एक व्यक्ति की दोषसिद्धि और
चंडीगढ़ः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में एक व्यक्ति की दोषसिद्धि और 9 साल की सजा को रद्द कर दिया, जिसे शादी का झांसा देकर संबंध बनाने के आरोप में दुष्कर्म का दोषी ठहराया गया था। यह मामला एक विवाहित महिला की शिकायत से संबंधित था, जिसने दावा किया था कि आरोपी ने विवाह का वायदा कर उससे शारीरिक संबंध बनाए।
जस्टिस शालिनी सिंह नागपाल की पीठ ने सुनवाई करते हुए स्पष्ट कहा कि जब कोई विवाहित महिला लंबे समय तक सहमति से यौन संबंध बनाए रखती है, तो इसे धोखे का परिणाम नहीं माना जा सकता। ऐसी स्थिति में भारतीय दंड संहिता की धारा 90 लागू नहीं की जा सकती और न ही आरोपी पर दुष्कर्म का अपराध सिद्ध किया जा सकता है। कोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्त्ता महिला पहले से विवाहित थी और 2 बच्चों की मां थी।
उसने यह स्वीकार किया कि वर्ष 2012-13 में उसने आरोपी के साथ 55-60 बार शारीरिक संबंध बनाए, वह भी अपने ससुराल में रहते हुए। पीठ ने कहा कि लगभग 2 वर्षों तक सहमति से बनाए गए संबंधों को अचानक दुष्कर्म कहना न्यायसंगत नहीं है। अंत में अदालत ने माना कि यह एक ऐसा मामला है, जहां सहमति से संबंध बनाकर बाद में बिगड़ गया।