Edited By Kalash,Updated: 15 Dec, 2021 11:56 AM

भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के प्रधान व संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने राजनीति में आने की चर्चाओं को अफवाह बताया
होशियारपुर: भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के प्रधान व संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने राजनीति में आने की चर्चाओं को अफवाह बताया। राजेवाल ने कहा कि न तो मेरी किसी पार्टी से कोई बात हुई है और न ही मेरे साथ किसी ने संपर्क किया है। प्रत्येक फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की सलाह से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परमात्मा व लोगों के सहयोग से मोर्चे को जीत मिली है। खेती कानून केंद्र ने गैर-संवैधानिक ढंग से बनाए थे जिससे उसको आखिर में अपना फैसला वापस लेना पड़ा। वहीं प्रधानमंत्री का रवैया भी तानाशाह वाला रहा, जबकि लोगों के प्रतिनिधि कभी ऐसा व्यवहार नहीं करते। उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी किसानों को गरम ख्याली व कभी खालिस्तानी बताया, लेकिन आखिर में जीत किसानों की हुई। सुप्रीम कोर्ट ने भी किसानों के हक में फैसला सुनाया था कि शांतिपूर्ण आंदोलन को कोई रोक नहीं सकता।
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राजेवाल ने कहा कि उन्होंने 2017 में ही चेतावनी दी थी कि अगर किसानों की जमीनों को कार्पोरेट घरानों को सौंपा जाएगा तो इसका किसान सख्त विरोध करेंगे। इसके बावजूद तीनों कानून किसानों पर लादे गए। उन्होंने कहा कि चाहे सरकार ने तीनों खेती कानून वापस ले लिए हैं लेकिन अभी किसान आंदोलन पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है, यह सिर्फ मुल्तवी किया गया है। आंदोलन शुरू हुआ तो इसके साथ और भी मांगें जुड़ जाएंगी। ये मांगें सिर्फ पंजाब या हरियाणा की नहीं, बल्कि पूरे देश की हैं। एम.एस.पी. की लड़ाई इसलिए लडऩी पड़ रही है क्योंकि केंद्र सरकार एफ.सी.आई. का विस्तार कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र अजीब फैसले कर रहा है।
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केंद्र ने एफ.सी.आई. के सारे गोदाम अडानी को 800 करोड़ रुपए में ठेके पर दे दिए हैं। इसमें बड़ी बात यह है कि केंद्र उसे 3000 करोड़ रुपए किराया देगी। राजेवाल ने कहा कि अगर एम.एस.पी. कानून नहीं बनता है तो केंद्र के साथ फिर सीधे होकर टकराव किया जाएगा। पंजाब के खेतीबाड़ी मंत्री की ओर से फसलों पर एम.एस.पी. देने के बयान पर राजेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से फसलों पर एम.एस.पी. तो दी नहीं जा रही, फिर बाकी फसलों पर कैसे देगी।
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