Edited By Urmila,Updated: 04 Sep, 2024 12:28 PM
पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन कोटकपूरा के ए.एस.आई. बोहड़ बोहर सिंह का मामला विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने उठाया।
चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन कोटकपूरा के ए.एस.आई. बोहड़ बोहर सिंह का मामला विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने उठाया। उन्होंने स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को बताया कि जब मामले को लेकर उन्होंने सदन की सहमति ले ली थी कि डी.जी.पी. गौरव यादव को मामले संबंधी सदन में तलब किया जाएगा तो फिर उन्होंने इस आदेश को क्यों बदला कि गृह सचिव को आदेश क्यों दिया कि एक सप्ताह के अंदर बोहड़ सिंह को छोड़कर बाकी भेड़ों पर कार्रवाई करने की जाए।
आप सदन की अनुमति के बिना ऐसा नहीं कर सकते थे। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि इस मामले को लेकर एक कमेटी बनाई जानी चाहिए, ताकि पुलिस और अन्य विभागों में डर रहे। बाजवा ने स्पीकर संधवां से कहा कि जब आपने सदन की सहमति ले ली है तो आप खुद इस पर कोई फैसले नहीं ले सकते। इस पर जवाब देते हुए स्पीकर संधवां ने कहा कि जब सदन की मंजूरी ली थी तो तो बात सामने आई थी कि ऐसे अपराधों के पीछे माफिया है और सदन में कहा गया था कि इस बारे पूरी एक रिपोर्ट तलब की जाए।
इस पर विचार करने के बाद अध्यक्ष ने यह निर्णय लिया था। संधवां ने कहा कि स्वच्छ प्रशासन देना उनका कर्तव्य है। संधवां ने कहा कि ए.एस.आई. बोहड़ सिंह ने अकाली दल सरकार के दौरान 50 हजार की रिश्वत ली, फिर कांग्रेस सरकार के दौरान 50 हजार रुपये की रिश्वत ली। इस सरकार के दौरान उस पर एफ.आई.आर. हुई है, उसे रिश्वत नहीं दी गई। संधवां ने कहा कि अध्यक्ष को अपना कर्तव्य का पता है और वह अपनी ड्यूटी पूरी तरह से निभा रहे हैं।
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