Edited By Kamini,Updated: 19 Feb, 2025 03:43 PM
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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद पंजाब कांग्रेस में गतिविधियां शुरू हो गई हैं।
पंजाब डेस्क : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद पंजाब कांग्रेस में गतिविधियां शुरू हो गई हैं। प्रभारी बदलने के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की घोषणा भी जल्द ही कर दी जाएगी। हाल ही में वर्तमान अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी इसका संकेत दिया था। उन्होंने कहा कि अगर कोई अध्यक्ष बनना चाहता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने अध्यक्ष पद के दावेदारों को पार्टी हाईकमान के पास जाकर अपना दावा पेश करने की सलाह दी।
इसके बाद पंजाब के कई वरिष्ठ नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और पार्टी हाईकमान के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार अपनी ताकत दिखाने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मंगलवार को नई दिल्ली में नए प्रभारी भूपेश बघेल से मुलाकात की। इसके अलावा लोकसभा सदस्य सुखजिंदर सिंह रंधावा और विधायक परगट सिंह ने भी उनसे मुलाकात की। परगट सिंह ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर भी शेयर की, जिसके साथ उन्होंने लिखा कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमें उम्मीद है कि पंजाब कांग्रेस मजबूत बनेगी। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर 2027 में जीत का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हाल ही में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि अगर कांग्रेस नेता एकजुट होकर नहीं चलेंगे तो उनकी हालत शिरोमणि अकाली दल जैसी हो जाएगी। नेता एक साथ हाईकमान से नहीं मिल रहे हैं, बल्कि अलग-अलग गुटों में जाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष में सबसे आगे नाम
पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा लोकसभा सदस्य चरणजीत सिंह चन्नी का नाम अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे चल रहा है। इसके अलावा भारत भूषण आशु, राणा गुरजीत सिंह, विजयइंदर सिंगला, परगट सिंह और सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम भी चर्चा में हैं। नेता एक-दूसरे के खिलाफ टिप्पणी करने से नहीं कतरा रहे हैं। हाल ही में वरिष्ठ कांग्रेस नेता राणा गुरजीत सिंह ने अपने ही अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग को स्वार्थी और बनावटी अध्यक्ष बताया था। इसके बाद राजा वड़िंग ने भी किसी का नाम लिए बिना कहा कि अगर कोई मुद्दा है तो उसे पार्टी मंच पर उठाया जा सकता है, सार्वजनिक मंच पर नहीं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नेता को, चाहे वह किसी भी पद पर हो, सार्वजनिक बयान देते समय अनुशासन और शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए।
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