Edited By Radhika Salwan,Updated: 09 Aug, 2024 02:31 PM
सूत्रों से पता चला है कि यह सारा स्टॉक आसपास के जिलों से निजी वाहनों के माध्यम से गोदाम तक पहुंचाया जाता है।
कपूरथला- कपूरथला शहर में घटिया सामग्री से तैयार की गई चटनी ग्राहकों को खिलाई जा रही है, जिसके चलते उनके स्वास्थ्य से हो रहे खिलवाड़ को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कबूतर की तरह पैनी नजर रखी है, जो कई सवाल खड़े कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के नियमों की अनदेखी करते हुए कुछ व्यापारी शहर की विभिन्न दुकानों और गलियों में बड़ी मात्रा में विभिन्न चटनी, नूडल्स, बर्गर प्लास्टिक के कंटेनर में पैक कर बेच रहे हैं, जिससे बच्चों और आम लोगों को बीमारियों का खतरा हो रहा है
गौरतलब है कि स्थानीय शहर की घनी आबादी में एक घर के अंदर भारी मात्रा में घटिया फास्ट फूड और चटनी का स्टॉक किया गया है। जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा कभी दस्तक न देना मिलीभगत की ओर इशारा करता है। हरी चटनी, लाल चटनी, सफेद चटनी समेत रेडीमेड चटनी को प्लास्टिक के बड़े कंटेनर में भरकर रेहड़ी-पटरी वालों तक पहुंचाने का कारोबार जोरों पर चल रहा है। इन चटनी की आपूर्ति करने वाले व्यक्ति ने न तो प्लास्टिक के कंटेनरों पर कोई लेबल लगाया है और न ही यह जानकारी दी है कि यह किस कंपनी द्वारा निर्मित है।
सूत्रों से पता चला है कि यह सारा स्टॉक आसपास के जिलों से निजी वाहनों के माध्यम से गोदाम तक पहुंचाया जाता है, इस पर आज तक स्वास्थ्य विभाग की नजर न पड़ना बड़ा सवाल खड़ा करता है। इतना ही नहीं, इन चटनी के साथ-साथ शहर में सस्ते नूडल्स, बर्गर और अन्य सामान भी बेचे जा रहे हैं। बड़ी हैरानी की बात है कि स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने लंबे समय से स्थानीय शहर से इन वस्तुओं के सैंपल नहीं लिए हैं। इस संबंध में जिले के उपायुक्त अमित कुमार पांचाल ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जल्द ही इस घटिया चटनी और फास्ट फूड के खिलाफ अभियान शुरू किया जाएगा।