Edited By Kamini,Updated: 10 Apr, 2025 02:55 PM

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करने की अपील की है।
होशियारपुर : आने वाले दिनों में गर्मी के मौसम में दिन का तापमान लगातार बढ़ने की संभावना है। इस बार गर्मी के शुरूआती मौसम में ही तापमान में तेज बढ़ौतरी देखी जा रही है। इससे बचाव के लिए सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार शगोत्रा ने लोगों को गर्मी से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की है। डॉ. पवन कुमार ने जनता से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि यह उच्च तापमान शरीर की तापमान नियंत्रण प्रणाली को बाधित करता है और गर्मी से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है। मई और जून के महीनों में गर्म लहरें आने की अधिक संभावना होती है और इस अवधि के दौरान आम जनता के साथ-साथ जोखिम वर्ग के लोगों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।
सिविल सर्जन पवन कुमार बताया कि हीट स्ट्रोक के लक्षणों में शरीर का तापमान 40 डिग्री सैल्सियस से अधिक होना, बेहोशी/प्रलाप, चक्कर आना, त्वचा का सूखा व लाल होना, अत्यधिक कमजोरी, तेज सिरदर्द, उल्टी आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस स्थिति में मरीज को प्राथमिक उपचार देना जरूरी है, जैसे कपड़ों को ढीला व कम करना, उसे ठंडे स्थान पर ले जाना, शरीर पर बर्फ/आइस पैक रखना। इसके साथ ही मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना भी बहुत जरूरी है ताकि उचित उपचार देकर मरीज की जान बचाई जा सके। यदि संभव हो तो मरीज को वातानुकूलित वाहन में अस्पताल ले जाना चाहिए। यदि मरीज को अस्पताल पहुंचाने में देरी हुई तो स्थिति खतरनाक हो सकती है।
डॉ. पवन ने कहा कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। गर्मी के मौसम में पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, हमेशा अपने साथ पानी की बोतल रखें। नींबू पानी, लस्सी, ओ.आर.एस. और अन्य तरल पदार्थ, जिनमें मीठे और नमकीन भी शामिल हैं, शरीर में पानी की सही मात्रा बनाए रखते हैं। इस बारे में बात करते हुए डा. जगदीप सिंह ने कहा कि नवजात और छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्ग, मोटापे से ग्रस्त लोग, मानसिक रूप से बीमार लोग, जो लोग शारीरिक रूप से बीमार हैं, खासकर जिन्हें हृदय रोग या उच्च रक्तचाप है, अनियंत्रित मधुमेह, अत्यधिक शराब का सेवन, धूप में काम करने वाले मजदूर, एथलीट और गर्मी के अनुसार कपड़े न पहनने वाले लोगों को हीटस्ट्रोक का खतरा अधिक हो सकता है।
डॉ. जगदीप ने बताया कि कुछ बातों का विशेष ध्यान रखकर हीटस्ट्रोक से बचा जा सकता है। ढीले कपड़े पहनें, जैसे कि सूती, जो पसीने के माध्यम से शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं। दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच धूप में बाहर जाने से बचें। अचानक ठंडे स्थान से गर्म स्थान पर जाना हानिकारक हो सकता है। अपने सिर को सीधी धूप से बचाने के लिए छाता, टोपी, तौलिया, पगड़ी या स्कार्फ का प्रयोग करें। नंगे पैर बाहर न निकलें, धूप में निकलते समय हमेशा जूते या चप्पल पहनें। मौसमी फल और सब्जियां जैसे तरबूज, संतरे, अंगूर, खीरे और टमाटर खाएं क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है। शराब, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड और अतिरिक्त मीठे पेय पदार्थों से बचें क्योंकि ये वास्तव में शरीर के तरल पदार्थों को नष्ट कर देते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए काला चश्मा पहनें। लंबे समय तक धूप में खड़े वाहन में बैठते समय सावधानी बरतें।
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