Edited By Vatika,Updated: 08 Nov, 2023 09:12 AM
इसीलिए आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नजरें अवश्य ही इन विधानसभा चुनावों के नतीजों पर टिकी रहेंगी।
जालंधर: आम आदमी पार्टी ने चाहे 5 राज्यों में हो रहे राज्य विधानसभा चुनावों में कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हुए हैं परंतु उसकी निगाहें इन चुनावों में आम आदमी पार्टी को मिलने वाले वोट प्रतिशत पर टिकी हुई हैं। आम आदमी पार्टी को यह पता है कि चाहे वह अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों में अधिक सफलता तो हासिल नहीं कर पाएगी परंतु उसे मिलने वाला वोट प्रतिशत किसी भी उम्मीदवार की हार-जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसीलिए आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नजरें अवश्य ही इन विधानसभा चुनावों के नतीजों पर टिकी रहेंगी।
गुजरात विधानसभा के चुनावों में भी आम आदमी पार्टी काफी वोट प्रतिशत ले गई जिसका सीधा असर कांग्रेस की विजयी संभावनाओं पर पड़ा था। आप’ उम्मीदवारों के चुनावी मैदान में होने के कारण वोट प्रतिशत बंट गया था और उसका लाभ भाजपा को मिल गया था। अब देखना यह है कि आम आदमी पार्टी के कारण किस पार्टी को लाभ होता है क्योंकि गुजरात में तो भाजपा सत्ता में थी परंतु अब मध्य प्रदेश में भाजपा तो राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में है।इन विधानसभा चुनावों में परिस्थितियां अलग हैं। विधानसभा चुनावों के लिए ‘आप’ के राष्ट्रीय सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान चुनाव प्रचार कर चुके हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता भी यह बात कह रहे हैं कि इन चुनावों के नतीजे आम आदमी पार्टी की लोकसभा चुनावों को लेकर रणनीति को तय करेंगे। आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन अगर इन चुनावों में बेहतर रहता है तो वह लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से चुनावी तालमेल स्थापित करने के लिए उस पर दबाव डालने में सफल होगी। ‘आप’ को मिलने वाला वोट प्रतिशत इन चुनावों में काफी सहायक रहेगा और उसकी सीटों के तालमेल की ताकत भी बढ़ जाएगी।‘आप’ नेता यह भी मान कर चल रहे हैं कि अगर इन चुनावी नतीजों में कांग्रेस तथा भाजपा के बीच बराबर की टक्कर रहती है तो भी आम आदमी पार्टी सीटों के तालमेल में अपना प्रभाव बनाने में कामयाब रहेगी। अभी तक तो दोनों पाॢटयों के मध्य पंजाब में चुनावी तालमेल को लेकर तस्वीर भी साफ नहीं हुई है।