Edited By Kamini,Updated: 15 May, 2025 05:25 PM

शहर वासियों के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गया है। इसी के साथ शहर के लोगों को आज भारी पेरशानियों का सामना करना पड़ा।
जालंधर : शहर वासियों के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गया है। इसी के साथ शहर के लोगों को आज भारी पेरशानियों का सामना करना पड़ा। दरअसल, क्योंकि सफाई कर्मचारियों ने कूड़ा न उठाने का ऐलान कर दिया है। गौरतलब है कि, आज सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर नगर निगम कार्यालय पर धरना लगाया। सफाई कर्मचारियों ने आज पूरा दिन काम बंद रखा और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस दौरान प्रदर्शन का नेतृत्व पंजाब सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन चंदन ग्रेवाल ने किया। सफाई कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन कर रहे चंदन ग्रेवाल ने कहा कि, सीवरमैनों, सफाई कर्मचारियों और ड्राइवरों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
इन सभी की मांग है कि त्योहारों और छुट्टियों के दौरान काम करने वाले कर्मचारियों को अमृतसर निगम की तर्ज पर 13वें वेतन के रूप में अतिरिक्त भुगतान किया जाए। इस संबंध में कमिश्नर को मंत्री की तरफ से निर्देश मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। फिलहाल सफाई कर्मचारियों ने सफाई, कूड़े की लिफ्टिंग और अन्य काम बंद कर दिए है। इस हड़ताल से जहां लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं शहर में सफाई व्यवस्था भी प्रभावित रही। बता दें कि, जालंधर नगर निगम में यूनियनों का चंदन ग्रेवाल गुट दो सुपरवाइजर्स को सैनेटरी इंस्पैक्टर का अतिरिक्त चार्ज दिए जाने से भड़क गया है। पंजाब सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन चंदन ग्रेवाल के नेतृत्व वाली यूनियनों ने इस फैसले के विरोध में आज शहर में हड़ताल का ऐलान किया था। इसके चलते सफाई, कूड़े की लिफ्टिंग और सीवरेज से संबंधित कोई काम नहीं हो रहा है।
आपको ये भी बता दें कि, कुछ हफ्ते पहले निगम प्रशासन ने यूनियनों की मांग पर 16 सफाई सेवकों को सेनेटरी सुपरवाइजर के पद पर प्रमोशन के आदेश जारी किए थे, लेकिन सरकार से इसकी औपचारिक मंजूरी अभी तक नहीं मिली है। इस बीच, 2 सुपरवाइजर्स को सेनेटरी इंस्पेक्टर का अतिरिक्त चार्ज दे दिया गया, जिससे चंदन ग्रेवाल समर्थित यूनियन गुट में रोष फैल गया। मंगलवार को यूनियन प्रतिनिधियों ने मॉडल टाउन कैंप ऑफिस में मेयर और कमिश्नर के साथ बैठक की, लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी। यूनियन नेता सन्नी सहोता ने बताया कि निगम प्रशासन उनकी जायज मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, जिसके चलते यूनियनों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। संयुक्त बैठक के बाद वीरवार से हड़ताल शुरू होगी।
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