Edited By Kamini,Updated: 22 Aug, 2024 04:02 PM
पंजाब पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना लगने का मामला सामने आया है।
पंजाब डेस्क : पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना लगने का मामला सामने आया है। दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कूड़े के निपटान और सीवेज उपचार को बहुत धीमी गति से चलाने के लिए पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इस राशि को एक महीने के भीतर जमा करने को कहा गया है। यहीं नहीं पंजाब में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर अब तक हुए काम की पूरी रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए हैं। एनजीटी ने अपने आदेश में मुख्य सचिव और स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पूछा है कि एनजीटी के आदेश का पालन नहीं करने पर 'आप' पर जल अधिनियम 1974 के तहत मुकदमा क्यों न चलाया जाए। उनसे एक महीने के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा गया है। देशभर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर एनजीटी में सुनवाई चल रही है। 25 जुलाई 2024 को पंजाब सरकार का पक्ष सुना गया। सुनवाई में राज्य के सभी निगमों के कमिश्नरों सहित स्थानीय निकाय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्चुअली भाग लिया।
एनजीटी बेंच ने साफ किया कि हमारी राय में अब हद हो चुकी है, अब सख्ती दिखाने का वक्त है, नहीं तो हम उचित कदम उठाने के अपने कर्तव्य से भी चूक जाएंगे। एनजीटी ने कहा कि समय-समय पर आदेश जारी कर पंजाब सरकार के अधिकारियों को कई मौके दिए गए। इस उम्मीद के साथ कि वे गंभीरता से काम करेंगे। हमें यह देखकर दुख हो रहा है कि राज्य सरकार इसमें पूरी तरह विफल रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। एनजीटी की इस कार्रवाई के बाद मुख्य सचिव ने सभी निगम कमिश्नर को बुधवार दोपहर एक घंटे के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुलाया है।
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