Edited By Subhash Kapoor,Updated: 03 Sep, 2024 12:14 AM
लुधियाना की रहने वाली 6 वर्षीय अनायशा गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा कर कम उम्र में महान उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के चलते वह आदिवासी पुस्तक श्रृंखला प्रकाशित करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की लड़की है, जिसने अपने मां...
लुधियाना (सहगल) : लुधियाना की रहने वाली 6 वर्षीय अनायशा गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा कर कम उम्र में महान उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के चलते वह आदिवासी पुस्तक श्रृंखला प्रकाशित करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की लड़की है, जिसने अपने मां बाप के साथ इस शहर और देश का नाम रोशन किया।
अनायशा के पिता डा. संचित बुद्धिराजा ने बताया कि अनायशा का सफर तब शुरू हुआ जब वह महज 8 महीने की थी। उन्होंने 5 साल की उम्र तक 100 संस्कृत श्लोक (श्लोक) पढ़ लिए थे और अपनी सीखने की इच्छा को दूसरों के साथ सांझा करने के लिए एक किताब लिखने का फैसला किया। उनकी पुस्तक श्रृंखला, जिसका शीर्षक 'माई जर्नी ऑफ लर्निंग 100 श्लोक' और 'हाउ टू लर्न 100 श्लोक इज़ीली' है, जिसमें वे चित्र शामिल हैं जो उन्होंने अपने हाथों से बनाए हैं। डॉ. संचित बुद्धिराजा (गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट) और डॉ. रविका कनिश बुद्धिराजा (त्वचा विशेषज्ञ) की बेटी अनायशा, रचनात्मकता के प्रति जुनून रखने वाली एक उत्साही लड़की है और उसका लक्ष्य अपने सभी दोस्तों और पाठकों तक 'सपने देखें, कड़ी मेहनत करें' का संदेश फैलाना है। इस नन्ही परी की उपलब्धि पर डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने 6 वर्षीय अनायशा बुद्धिराजा को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने की दुर्लभ उपलब्धि के लिए सम्मानित किया।