Edited By Vatika,Updated: 07 Nov, 2018 11:52 AM
यद्यपि विगत 3 मास से फगवाड़ा व इर्द-गिर्द के क्षेत्र डेंगू बुखार की चपेट में है लेकिन स्थानीय प्रशासन व नगर निगम तथा स्वास्थ्य विभाग की रहस्यमयी मूकदर्शिता जन साधारण के दिनों में अनेक प्रश्न उत्पन्न कर रही है। चाहे सरकारी आंकड़ों अनुसार फगवाड़ा व...
फगवाड़ा (अशोक कौड़ा): यद्यपि विगत 3 मास से फगवाड़ा व इर्द-गिर्द के क्षेत्र डेंगू बुखार की चपेट में है लेकिन स्थानीय प्रशासन व नगर निगम तथा स्वास्थ्य विभाग की रहस्यमयी मूकदर्शिता जन साधारण के दिनों में अनेक प्रश्न उत्पन्न कर रही है। चाहे सरकारी आंकड़ों अनुसार फगवाड़ा व आसपास के क्षेत्रों में अभी तक मात्र लगभग 400 केस ही पाए गए हैं, जबकि क्षेत्र के दर्जनों प्राइवेट डाक्टरों के पास संदिग्ध डेंगू के हजारों केस आ चुके हैं।
जानकारी अनुसार फगवाड़ा के सिविल प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, ग्रामीण विकास, जल सप्लाई विभाग इत्यादि में तालमेल की कमी व लगभग सभी विभागों द्वारा की जा रही महज औपचारिकता ही डेंगू के लम्बे समय तक पैर पसारे रखने का मुख्य कारण है। स्वास्थ्य विभाग के पास 5 अक्तूबर से आई सिंगल डोनर प्लेटलैट्स मशीन लाइसैंस प्राप्त न होने के कारण अभी तक बेकार पड़ी है व विभाग के अधिकारी भी मीटिंगों से ही काम निपटा समझ रहे हैं। नगर निगम प्रशासन शहर के प्रत्येक क्षेत्र में फॉङ्क्षगग तक करवा पाने में भी सफल नहीं हो सका है जबकि कुछ सामाजिक संगठन भी मात्र प्रैस नोट जारी कर खानापूर्ति करने तक ही सीमित हैं।