यूनिवर्सिटी को घाटे में से निकालने के लिए सिंडीकेट ने फालतू खर्चों पर लगाई रोक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Mar, 2018 05:41 PM

punjabi university

पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की सिंडीकेट ने वित्त कमेटी द्वारा 4 अरब 73 करोड़ के घाटे वाले बजट को पास कर दिया। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के फालतू खर्चों को भी घटाने के आदेश दिए हैं। यूनिवर्सिटी के घाटे पर चर्चा करते हुए पंजाब सरकार के एडीशनल चीफ...

पटियाला (मनदीप जोसन): पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की सिंडीकेट ने वित्त कमेटी द्वारा 4 अरब 73 करोड़ के घाटे वाले बजट को पास कर दिया। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के फालतू खर्चों को भी घटाने के आदेश दिए हैं। यूनिवर्सिटी के घाटे पर चर्चा करते हुए पंजाब सरकार के एडीशनल चीफ सैक्रेटरी एस.के संधू और सिंडीकेट मैंबर हरिन्द्रपाल सिंह हैरीमान ने फालतू खर्चों को लेकर कई अधिकारियों की खिंचाई की।

पंजाबी यूनिवर्सिटी सिंडीकेट ने टैक्निकल कर्मचारियों की तरक्कियों को हरी झंडी देने के साथ सिंडीकेट में आए सभी प्रस्तावों को पास कर दिया है। बैठक में इस बात पर गंभीरता के साथ चर्चा हुई कि यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए हर प्रयास किया जाए और वित्तीय खर्चों में कटौती की जाए। सिंडीकेट ने इस बात को गंभीरता से लिया कि पंजाबी यूनिवर्सिटी की प्रैस होते हुए भी बाहर से सामान छपाया जाता है। सिंडीकेट ने बाहर से कोई भी सामान छपवाने पर पाबंदी लगाते हुए आदेश दिए कि सारा कुछ आज के बाद यूनिवर्सिटी की प्रैस में ही छपेगा। 
 

बैठक में यूनिवर्सिटी के सी.सी. विभाग के खर्चों पर भी जोरदार चर्चा हुई, कि विभाग हर साल 2 करोड़ का घाटा दिखा रहा है, इसलिए यह विभाग अब विद्यार्थियों को प्रोस्पैक्ट्स ऑनलाइन भेजेगा और अन्य मैटीरियल भी ऑनलाइन भेजने की कोशिश करेगा। सिंडीकेट ने कांस्टीच्यूट कालेजों में माली, सेवादार और अन्य जरूरी स्टाफ रखने को भी मंजूरी दी। इस मौके पर सिंडीकेट मैंबर मेजर आदर्शपाल सिंह नाभा, डाक्टर जसबीर कौर, डायरैक्टर भाषा विभाग व डीन बत्रा समेत अन्य उपस्थित थे।

स्कूल में अब डायरैक्टर प्रिंसीपल नहीं प्रिंसीपल ही होगी मुखी
घाटे में जा रही यूनिवर्सिटी की सिंडीकेट ने इस बात को बेहद गंभीरता के साथ लिया कि वित्त कमेटी ने अपने मॉडर्न स्कूल की प्रिंसीपल के पद को बदल कर डायरैक्टर प्रिंसीपल का पद बना दिया है जिस के साथ यूनिवर्सिटी पर अतिरिक्त वित्तीय वजन बढ़ेगा। सिंडीकेट ने इस मुद्दे को खारिज करते हुए आदेश दिए हैं कि स्कूल में अब सिर्फ पहले की तरह ही प्रिंसीपल का पद होगा और वेतन भी पुराने स्केल पर ही मिलेगा। उल्लेखनीय है कि इस पर प्रिंसीपल और यूनिवर्सिटी अधिकारी काफी मेहरबान थे और वित्त कमेटी ने प्रिंसीपल को 6 इन्क्रीमैंट लगाकर डायरैक्टर प्रिंसीपल बनाने का प्रस्ताव पास किया था।

सेवामुक्त अध्यापकों का केस सिंडीकेट ने हाईकोर्ट पर छोड़ा
पंजाबी यूनिवर्सिटी सिंडीकेट ने सेवामुक्त अध्यापकों का मुद्दा विचार कर यह फैसला दिया कि इस मुद्दे पर हाईकोर्ट का आदेश पंजाबी यूनिवर्सिटी मानेगी। सिंडीकेट ने इस मुद्दे पर कोई भी फैसला नहीं लिया, हालांकि हाईकोर्ट के यह आदेश हैं कि इस मुद्दे पर सिंडीकेट अपना फैसला करके हाईकोर्ट को सूचित करे। जिक्रयोग्य है कि इस मुद्दे पर कर्मचारियों ने बड़े स्तर पर संघर्ष किया था, कि सेवा मुक्त अध्यापकों को रिलीव किया जाए। सेवामुक्त अध्यापकों के साथ यूनिवर्सिटी पर वाॢषक 6.50 करोड़ रुपए के लगभग बोझ पड़ता है।

सिंडीकेट ने किया घाटे वाला बजट पास 
पंजाबी यूनिवर्सिटी को साल 2018-2019 के बजट में सभी साधनों से 3 अरब 52 करोड़ 50 लाख 67 हजार 405 रुपए आने की उम्मीद है और यूनिवर्सिटी ने इस साल खर्चा 5 अरब 82 करोड़ 6 लाख 92 हजार 421 रुपए करना है। इस तरह यूनिवर्सिटी को अपने तैयार किए बजट के अंतर्गत 2 अरब 29 करोड़ 56 लाख 25 हजार 16 रुपए की कमी पड़ रही है। इसके बिना यूनिवर्सिटी ने 91 करोड़ 15 लाख 80 हजार की पहले ही बैंकों से ओवर ड्राङ्क्षफ्टग की हुई है और इस साल 7वें केंद्रीय वेतन आयोग लागू होने की सूरत में यूनिवर्सिटी अध्यापकों को 105 करोड़ रुपए की अदायगी भी यूनिवर्सिटी को करनी होगी। इसके साथ ही हर माह 4 करोड़ रुपए का विस्तार अध्यापकों की तनख्वाह में होगा जिस के साथ यूनिवर्सिटी पर 48 करोड़ रुपए का सालाना बोझ पड़ जाएगा और इस पूरे घाटे को मिलाकर पंजाबी यूनिवर्सिटी को 4 अरब 73 करोड़ का सालाना घाटा पड़ेगा।

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