ICMR के निर्देश:अब खांसी, बुखार और श्वास के सभी मरीजों का भी होगा कोरोना टैस्ट

Edited By Suraj Thakur,Updated: 21 Mar, 2020 01:22 PM

now all patients with cough fever and breathing will also have corona test

सरकार ने निजी अस्पतालों को कोविड-19 टेस्ट करने का शुल्क 5000 रुपए से कम रखने को कहा है।

जालंधर। केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में इसके टैस्ट के दायरे को बढ़ा दिया है। "डाउन टू अर्थ" की एक रिपोर्ट के मुताबिक 21 मार्च को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक अधिसूचना जारी की है जिसके मुताबिक एहतियात के तौर पर अब उन सभी रोगियों का भी कोरोनावायरस टेस्ट किया जाएगा, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही हो और उन्हें बुखार, और खांसी की तकलीफ है। उधर सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को भी कोरोनावायरस की अधकारिक तौर पर कोरोना टैस्ट करने की अनुमति दे दी है। इसके लिए सरकार ने कहा है कि प्राइवेट अस्पताल टैस्ट करने का शुल्क 5 हजार रुपए से कम रखें हांलाकि हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (एएचपीए) का कहना है कि यह तभी संभव हो पाएगा जब सरकार कम कीमत पर परीक्षण किट मुहैया करवाती है।

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भारत में अब तक उन्हीं लोगों का कोरोना टैस्ट किया जा रहा था जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में विदेश का दौरा किया हो या पिछले दिनों वह किसी मरीज के संपर्क में आया हो और बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, लेकिन अब जांच का दायरा बढ़ाने के बाद कई और लोगों की भी कोरोनावायरस की जांच की जा सकेगी। वर्तमान स्थिति को देखते हुए  सरकार ने परीक्षण मानदंडों का विस्तार करने का निर्णय लिया है।

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इससे पहले 20 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी कर कहा था कि प्राइवेट लैब भी कोरोनावायरस संक्रमण का टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी नहीं कि मरीज ने पिछले दिनों विदेश का दौरा किया हो। अगर मरीज को बुखार, खांसी के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो उनका टेस्ट किया जा सकता है। 17 मार्च को आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने प्राइवेट लैब से अपील की थी कि देश हित को देखते हुए उन्हें मुफ्त में कोविड-19 का टेस्ट करना चाहिए।

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"डाउन टू अर्थ" को दिए गए एक बयान में भारत के निजी अस्पतालों के संगठन हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (एएचपीए) के डायरेक्टर जनरल गिरिधर गयानी ने कहा, "अगर किसी मरीज को सांस की गंभीर बीमारी है, जिसके लिए स्वाइन फ्लू सहित अन्य सभी बीमारियों के परीक्षण नकारात्मक साबित हुए हैं, तो हमारे पास यह मानने का हर कारण है कि यह एक संदिग्ध कोविड-19 मामला है। ऐसी स्थिति में कोविड-19 का टेस्ट कराया जा सकता है।" 


 

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