Edited By Vatika,Updated: 19 May, 2018 10:17 AM
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद से सियासी घमासान मचा हुआ है। त्रिशंकु विधानसभा सामने आने के बाद अब सियासी पंडितों द्वारा तरह-तरह के आकलन लगाए जा रहे हैं।
जालंधर(धवन): कर्नाटक में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद से सियासी घमासान मचा हुआ है। त्रिशंकु विधानसभा सामने आने के बाद अब सियासी पंडितों द्वारा तरह-तरह के आकलन लगाए जा रहे हैं। चुनावी नतीजे आने के बाद कांग्रेस तथा जे.डी.एस. के बीच चुनावी गठजोड़ हुआ है। अब एक और आकलन सामने आया है जिसमें यह कहा जा रहा है कि अगर कांग्रेस तथा जे.डी.एस. आपस में विधानसभा चुनाव होने से पहले गठबंधन कर लेते तो उस स्थिति में इस गठबंधन को 151 सीटें प्राप्त होतीं तथा भाजपा मात्र 69 सीटों पर सिमट कर रह जाती।
यह भी कहा जा रहा है कि अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस तथा जे.डी.एस. के बीच गठबंधन बरकरार रहता है तो कर्नाटक की कुल 28 सीटों में से भाजपा मात्र 7 सीटें ही जीत सकेगी। 2014 में कर्नाटक में भाजपा ने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी। यह गठजोड़ जारी रहने पर कांग्रेस अपनी सीटों की गिनती को कर्नाटक में 9 से बढ़ा कर 17 पर ले जाएगी। चुनाव पूर्व कांग्रेस व जे.डी.एस. के बीच तालमेल होने पर कांग्रेस राज्य की 222 विधानसभा सीटों में से 99 सीटों पर विजयी होती तथा दूसरी तरफ जे.डी.एस. भी अपनी सीटों की गिनती को 37 से बढ़ा कर 51 तक ले जाती। कुल मिलाकर इस गठबंधन में कांग्रेस की बड़ी भूमिका रहनी थी।
अगर 2014 में लोकसभा के नतीजों को लेकर कर्नाटक पर दृष्टि डाली जाए तो भाजपा 17 सीटों, कांग्रेस 9 तथा जे.डी.एस. 2 सीटों पर कामयाब हुई थी। इस आकलन में यह भी बताया गया है कि अगर 2019 में कांग्रेस तथा जे.डी.एस. अलग-अलग तौर पर चुनाव लड़ते तो उस स्थिति में राज्य की 28 सीटों में से भाजपा 13, कांग्रेस 11 तथा जे.डी.एस. 4 सीटों पर जीत हासिल कर सकेगी पर कांग्रेस व जे.डी.एस. के बीच समझौता जारी रहने पर कांग्रेस 17, जे.डी.एस. 4 तथा भाजपा 7 सीटों को जीतने में कामयाब हो जाएगी।