खालिस्तानी आकाओं के घर लाहौर में, ISI पंजाब और कश्मीर में फिर जिंदा चाहती है आतंक

Edited By Suraj Thakur,Updated: 20 Sep, 2019 12:25 PM

heads of five khalistani organizations lives in lahore

खालिस्तानी और कश्मीर के चरमपंथी सीधे तौर पर पाकिस्तान की एजेंसी ISI के संपर्क में हैं।

जालंधर। (सूरज ठाकुर)  जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान खालिस्तानी और कश्मीरी चरमपंथियों को एक साथ इकट्ठा करके देश के विभिन्न हिस्सों में आतंक फैलाने की तैयारी कर रहा है। करीब 25 साल पहले भारत से पाकिस्तान भागे एक दर्जन से ज्यादा नामी खालिस्तानी अलगाववादी और उनके संगठनों के पांच मुखिया आईएसआई के सीधे संपर्क में हैं। भारत सरकार के दस्तावेजों के मुताबिक खालिस्तानी संगठनों के इन पांचों प्रमुखों को पाकिस्तान के लाहौर में बसाया गया था। इनमें कई आतंकियों पर हत्या, हाईजैकिंग, बम ब्लास्ट और देशद्रोह के मुकद्दमें दर्ज हैं।

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भारत ने दी थी आतंकियों की सूची, पाक ने नहीं किया था प्रत्यर्पण  
साल 2002 की बात करें तो पाकिस्तान की शरण में आए चरमपंथियों की मदद से भारत में एक बार फिर से आतंकवाद को जिंदा करने की कोशिश की थी। 31 जनवरी 2002 को पंजाब के सतनौर गांव के पास पंजाब रोडवेज बस में एक विस्फोट हुआ था। जिसमें दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 14 अन्य घायल हो गए। 31 मार्च, 2002 को सरहिंद रेलवे स्टेशन पर धनबाद-फिरोजपुर एक्सप्रेस ट्रेन में एक और बम विस्फोट हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए। इन सभी घटनाओं और इससे पूर्व 31 दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले को देखते हुए भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश की और दिसंबर 2002 में पांच सिख चरमपंथियों सहित 20 आतंकवादियों का प्रत्यर्पण करने के लिए कहा था। बताया जाता है कि ऐसा न करते हुए पाकिस्तान ने उल्टा इन चरमपंथियों को भरोसा दिलाया था कि वे यहां सुरक्षित हैं और भारत की इस मांग को स्वीकार नहीं किया जाएगा। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आईएसआई खालिस्तानी और कश्मीरी चरमपंथियों को भारत में आतंकी हमलों के लिए मजबूर कर रहा है। ISI कई बार इन संगठनों से कह चुकी है कि या तो भारत पर हमला करो या फिर हमारा देश छोड़ दो।

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सिख और कश्मीरी अलगाववादी संगठनों के बीच सांठगांठ
पाकिस्तान के सियासतदान और सेना अच्छी तरह से जानते हैं कि यदि जंग हुई तो भारत उन्हें धूल चटा देगा। ऐसे में पाकिस्तान कश्मीरी और खालिस्तान आतंकवादियों को एक मोर्चे पर लाकर आतंकी हमलों की साजिशें रच रहा है। जिन खालिस्तानी चरमपंथियों को करीब ढाई दशक पहले पाकिस्तान ने पनाह दी है। उनके भारत की खुफिया एजेसियों के पास पाकिस्तान के पते भी मौजूद हैं। केंद्र सरकार भी इन आतंकियों को उकसाने के लिए कई बार पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कई बार चेतावनी दे चुकी है। दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल (एसएटीपी) की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले ढाई दशकों से पाकिस्तान और अन्य देशों में सिख और कश्मीरी अलगाववादी संगठनों के बीच ISI ने मजबूत सांठगांठ पैदा की है।

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लश्कर-ए-तोयबा करता है खालिस्तानी आतंकियों की मदद
ISI के निर्देशों पर लश्कर-ए-तैयबा  बब्बर खालसा इंटरनैशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के आतंकवादियों को जम्मू क्षेत्र के माध्यम से भारत में घुसपैठ करने का प्रशिक्षण देती है। गौरतलब है कि पाक ने 2013 में इन संगठनों को भारत में आतंकी गतिविधियां तेज करने के लिए कहा था। केंद्रीय इंटेलिजेंस एजेंसियों को मिली सूचना के मुताबिक आईएसआई ने इन आतंकी संगठनों से नेताओं से कहा था कि कि या तो वे भारत पर अटैक करें, या फिर यहां से चले जाएं। इस दौरान इंग्लिश न्यूज पेपर 'डेली मेल' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक खुफिया एजेंसी आईबी के एक नोट में कहा गया था कि  'ISI ने सिख आतंकी संगठनों के नेताओं से साफ तौर पर कहा है कि आपको हमारे यहां रहने की कीमत चुकानी होगी। आपको भारत में एक बार फिर आतंकवाद फैलाना होगा।'

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उम्रदराज भी हो चुके पाकिस्तान गए आतंकी
पंजाब से जब आतंकवाद का सफाया हो रहा था तो पाकिस्तान खालिस्तानी चरमपंथियों को पनाह देने में जुटा हुआ था। आतंकवाद के खात्मे के बाद देश में वांटेड कुछ खालिस्तानी सीमा पार चले गए जिन्हें पाकिस्तान ने लाहौर में शरण दी। इसके बाद पाकिस्तान समय-समय पर इनका इस्तेमाल कर पंजाब में आतंक को दोबारा जिंदा करने की कोशिश करता रहा। इन वांटेड आतंकियों में कुछ तो उम्रदराज हो चुके हैं। पाकिस्तान को छोड़कर अन्य देशों में भी इनके मौजूद होने की खबरें आती रही हैं। इनकी सूची और पते एसएटीपी की रिपोर्ट पर आधारित हैं। PunjabKesari 

खालिस्तानी और कश्मीर के चरमपंथी आईएसआई के संपर्क में 
सिख फॉर जस्टिस ने पंजाब में जब खालिस्तान को लेकर पंजाब में रैफरैंडम 2020 का ऐलान किया तो इसे भारत में बहुत गंभीरता से नहीं लिया गया। अनुछेच्छ 370 हटाए जाने के बाद अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। पाकिस्तान भारत में सीधे-सीधे युद्ध करने और आतंक फैलाने की धमकियां दे रहा है। फिलवक्त दोनों देशों में जुबान से सियासी जंग लड़ी जा रही है। मगर यह हकीकत है कि खालिस्तानी और कश्मीर के चरमपंथी सीधे तौर पर पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई के संपर्क में हैं। इस वक्त पाकिस्तान के पास इन्हें उकसाने के लिए अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। लिहाजा सुरक्षा एजेंसियों को देश में सचेत रहने की जरूरत है।       
 
आतंकी संगठनों के प्रमुख जो भाग गए थे पाकिस्तान
1. वाधवा सिंह उर्फ चाचा पुत्र अमर सिंह, ग्राम संधू चट्ठा, जिला कपूरथला - बब्बर खालसा इंटरनेशनल प्रमुख (बीकेआई)।   इमरान खान, कैंसर अस्पताल, मुल्तान रोड, लाहौर के पास वलंशा कॉलोनी।

2. रणजीत सिंह उर्फ नीटा पुत्र दर्शन सिंह, निवासी सिम्बल कैंप, आर.एस पुरा, जिला जम्मू - खालिस्तान जिंदा फोर्स प्रमुख (केजेएफ)। भाखड़ा कोठ, सेना छावनी, लाहौर के पास।

3. परमजीत सिंह पंजवड़ पुत्र कश्मीरा सिंह, गांव पंजवड़, जिला अमृतसर - खालिस्तान कमांडो फोर्स प्रमुख (केसीएफ)। टाउनशिप क्षेत्र, अकबर चौक, नेसपैक कॉलोनी, लाहौर।

4. गजेन्द्र सिंह के पुत्र मनोहर सिंह, निवासी 3646 सेक्टर 23-डी, चंडीगढ़ -  दल खालसा इंटरनेशनल प्रमुख। केयर ऑफ आइमैथ-बारनी, 538 / एन, उस्मानाबाद, लाहौर।

5. लखबीर सिंह रोड पुत्र जागीर सिंह, ग्राम रोड, जिला मोगा - मुख्य आई.एस.वाई.एफ (रोड) प्रमुख। हाउस नंबर 20, पीआईए कॉलोनी, रक्षा, लाहौर।

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आतंकी संगठनों के सदस्य
1. मंजीत सिंह उर्फ फौजी पुत्र उपकार सिंह, निवासी राजू बेला, पीएस काहनूवान, गुरदासपुर - बीकेआई।

2. करनैल सिंह, निवासी गुरदासपुर - बीकेआई।

3. परशोत्तम सिंह उर्फ पम्मा पुत्र मलिक सिंह, निवासी माथेरी शेखान, पीएस नांगल, अंबाला - बीकेआई।

4. मंजीत सिंह उर्फ पिंका, निवासी जम्मू  केजेडएफ।

5. बलबीर सिंह संधू पुत्र सरदारा सिंह, ग्राम कलसियन, जिला अमृतसर - आईएसवाईएफ। 

6. राजबीर सिंह निवासी जिला जालंधर- आईएसवाईएफ।

7. रणजीत सिंह उर्फ फानी पुत्र  स्वर्गीय सरदार सिंह, ग्राम बेगोवाल, जिला कपूरथला -  (केसीएफ)।

8. रतन दीप सिंह उर्फ हैप्पी पुत्र जगीर सिंह, निवासी रोहर, पीएस सफीदों, हरियाणा - केसीएफ (पंजवड़) अब भारत में पुलिस हिरासत में है।

9. रविंदर सिंह उर्प पिंका पुत्र डॉ. कुलवंत सिंह निवासी स्ट्रीट नंबर 9, नानक नगर, जम्मू। वह 5 जुलाई 1984 को लाहौर के श्रीनगर से आईसी 405 के अपहरण का आरोपी है।

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खालिस्तानियों और पाकिस्तान के रिश्ते 
एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में बीकेआई के प्रमुख वाधवा सिंह लंबे समय तक रहे इसके बाद कुछ साल पहले वह स्वास्थ्य खराब होने के कारण जर्मन चले गए थे। वह कथित तौर पर आईएसआई के लाहौर में गुलबर्ग इलाके में स्थित पाक आईएसआई कार्यालय अपने आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने के लिए इस्तेमाल करते रहे। पाकिस्तान में सिख आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने के लिए निम्नलिखित प्रशिक्षण शिविरों का सक्रिय रूप से उपयोग किया गया था। इनमें कोट लखपत, चकोवाल, गुजरांवाला, मियांवाली, पेशावर, औटक और शहीदा दा बंगा शामिल हैं।
 

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