Edited By Vatika,Updated: 07 Jun, 2024 01:56 PM
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उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जिस तरह के चुनावी परिणाम का इंतजार कर रही थी, वह संभव नहीं हो पाया है।
जालंधर(अनिल पाहवा) : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जिस तरह के चुनावी परिणाम का इंतजार कर रही थी, वह संभव नहीं हो पाया है। पार्टी को यहां कुल 80 सीटों में से 33 सीटों पर संतोष करना पड़ा। जबकि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में बड़ा वोट बैंक हासिल कर 37 सीटों पर रही। इस सबके बीच भाजपा के अंदर से 'गद्दार' और 'भीतरघात' जैसे शब्द बाहर आने लगे हैं। ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर ये शब्द किन लोगों के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं।
उठने लगे षड़यंत्र रचने वालों के खिलाफ सुर
भाजपा सूत्रों से मिली खबर के अनुसार उत्तर प्रदेश में बहुत से ऐसे नेता थे, जिन्होंने भाजपा में रहकर भाजपा के खिलाफ काम किया। खासकर ऐसे नेताओं की इस बार उत्तर प्रदेश में भरमार रही, जो शायद यहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नीचा दिखाना चाहते थे। कुछ हद तक ये लोग कामयाब रहे, लेकिन अब पार्टी ने ऐसे लोगों की पहचान शुरू कर दी है। खबर मिली है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर संगठन ने रिपोर्ट मांगी है, जिसके आधार पर पार्टी किसी अंतिम फैसले पर पहुंच सके। दरअसल यू.पी. को भाजपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनावों में मैदान में उतारे गए अधिकतर मंत्री चुनाव हार गए। कुछ जीते भी, लेकिन बड़ी मुश्किल से। उन्नाव से भाजपा के साक्षी महाराज बेशक जीत गए हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी के भीतर 'गद्दार' और 'आस्तीन के सांप' होने की बात कही है। यही नहीं, फतेहपुर से चुनाव हारने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति ने भी पार्टी के भीतर कुछ लोगों को हार का जिम्मेदार बताया।
पार्टी मुख्यालय पहुंचने लगी आस्तीन के सांपों की सूची
भाजपा के जीते तथा हारे उम्मीदवारों की रिपोर्ट मुख्यालय में पहुंची है। इस रिपोर्ट के साथ कुछ ऐसे नेताओं की सूची भी भेजी गई है, जिन पर आस्तीन के सांप होने का आरोप लगाया जा रहा है। वैसे सोशल मीडिया पर भी कुछ ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें यह कहा जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ को डैमेज करने के लिए कुछ केंद्रीय स्तर के नेताओं ने भी अहम भूमिका निभाई। सोशल मीडिया पर तो यह भी कहा जा रहा है कि जानबूझ कर ऐसे लोगों को टिकटें दी गई, जो जीतने की स्थिति में नहीं थे। इसके कारण पार्टी के अंदर उत्तर प्रदेश को लेकर खींचतान तेज हो गई है।