पाकिस्तान के मंसूबों को साकार करना चाहता है ये शख्स, India की मोस्ट वांटेड सूची में है शामिल

Edited By Suraj Thakur,Updated: 25 Sep, 2019 01:21 PM

abdul rauf asgar wants to spread terror in india

30 नए युवकों को ट्रेंड कर रहा है, जिन्हें पंजाब और कश्मीर के बार्डर से घुसपैठ करवाने की योजना है।

जालंधर। इसे पाकिस्तान की मजबूरी कहें या फितरत कि अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते उसके पालतू आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को अपना नाम बदलना पड़ा। संगठन का नाम अब मजलिस वुरसा-ए-शुहुदा जम्मू व कश्मीर हो गया है। हालांकि इस संगठन ने मकसद नहीं बदला है। कुख्यात वैश्विक आतंकी मसूद अजहर बीमार है, उसके छोटे भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर ने भारत में आतंक फैलाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से अपने कंधों पर ले ली है। खुफिया ऐजेंसियों के मुताबिक बदले हुए नाम से यह संगठन आजकल पुरी तरह से सक्रिय है और 30 नए युवकों को ट्रेंड कर रहा है। जिन्हें पंजाब और कश्मीर के बार्डर से भारत के विभिन्न हिस्सों में घुसपैठ करवाने की योजना है।

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जैश का जन्मदाता मसूद जहर
पाकिस्तान के मसूद अजहर 90 के दशक में कश्मीर में सक्रिय रहा है। उसे 1994 में भारत ने पुर्तगाल के फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा के लिए गिरफ्तार किया गया था। 1999 में कंधार विमान अपहरण के चलते उसे यात्रियों को छोड़ देने की शर्त पर रिहा कर दिया गया था। जिसका खामियाजा भारत को आज तक भुगतना पड़ रहा है। जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना 2000 के शुरु में मौलाना मसूद अजहर ने की थी। भारत के अलावा यह आतंकी संगठन अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी अपनी आतंकी गतिविधियों के चलते जाना जाता है। संयुक्त राष्ट्र इस संगठन को ब्लैकलिस्ट भी कर चुका है। मसूद अजहर अब बीमार बताया जा रहा है, जिसकी लोकशन अब पाकिस्तान के बहावलपुर में मरकज उस्मान-ओ-अली में बताई जाती है।

PunjabKesari हाईजैकिंग का मास्टरमाइंड असगर
मुफ्ती अब्दुल रऊफ मौलाना मसूद अजहर का छोटा भाई है। जैश-ए-मोहम्मद का नाम बदलने के बाद अब  संगठन  चलाने की जिम्मेदारी फिलहाल अब्दुल रऊफ पर ही है। अब्दुल रऊफ भारत में कई आतंकी हमले करने का आरोपी है।1999 में इंडियन एयरलाइंस की हाईजैकिंग का मास्टरमाइंड भी यही अब्दुल रऊफ ही था। 2001 में संसद पर हुए हमले में भी इसकी अहम भूमिका थी। सुरक्षा एजेंसी एनआई ने रऊफ के खिलाफ भारतीय अदालतों में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है।

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जैश कर चुका है भारत पर 8 बड़े आतंकी हमले
19 अप्रैल 2000 को 17 साल के एक स्कूली लड़के ने विस्फोटकों से लदी एक कार को 15 कॉर्प्स हेडक्वॉर्टर के गेट पर उड़ा दिया था। पहली बार इस हमले को लेकर जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर में इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद जैश ने 25 दिसंबर 2000 को कश्मीर में सेना के मुख्यालय के बाहर कार बम से हमला किया और इसके बाद 2001 में श्रीनगर विधानसभा भवन पर फिदायीन हमला किया था। दिसंबर 2001 में दिल्ली में संसद भवन पर हमला किया। 

नवंबर 2005 में जैश के आतंकी ने तब के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के घर पर कार बम से हमला किया। इस हमले में 5 लोग मारे गए थे। 2015 में 20 मार्च को जम्मू के कठुआ जिले के राजबाग पुलिस थाने पर सेना की वर्दी में फिदायीन हमला किया गया। जिसमें तीन जवान शहीद हुए। इसकी जिम्मेदारी भी जैश ने ली। जनवरी 2016 में जैश के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया जिसमें 7 सैनिक शहीद हो गए। सितंबर 2016 में उड़ी आतंकी हमले में भी जैश-ए-मोहम्मद का ही हाथ बताया जाता है।

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