Edited By Vatika,Updated: 15 Oct, 2018 10:43 AM
केंद्रीय प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा खपतकारों के लिए घरेलू गैस सिलैंडरों की कीमतों की अदायगी कैशलैस योजना खपतकारों के लिए आफत साबित होने लगी है। असल में मोदी सरकार ने देशभर में उक्त योजना की घोषणा इसलिए की ताकि खपतकारों में डिजीटल इंडिया के...
लुधियाना (खुराना): केंद्रीय प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा खपतकारों के लिए घरेलू गैस सिलैंडरों की कीमतों की अदायगी कैशलैस योजना खपतकारों के लिए आफत साबित होने लगी है। असल में मोदी सरकार ने देशभर में उक्त योजना की घोषणा इसलिए की ताकि खपतकारों में डिजीटल इंडिया के अंतर्गत ऑनलाइन सिस्टम अपनाने का रुझान बढ़ सके।
वहीं गैस एजैंसियों के कारिंदों द्वारा खपतकारों से की जा रही नाजायज ओवरचार्जिस के मामलों पर भी नकेल कसी जा सके। मगर यहां तो अधिकांश गैस एजैंसियां कैशलैस भुगतान की आड़ में जमकर ओवरचार्जिस का खेल खेलने लगी हैं।ताजा मामले की बात करें तो डिवीजन नं. 3 के नजदीक पड़ते इलाके नौलखा कालोनी में एच.पी. गैस कम्पनी से संबंधित खपतकार गुरमुख सिंह व हरप्रीत सिंह गुंबर को आज डिलीवरी मैन से गैस सिलैंडर की कैशलैस राशि भुगतान करने के बावजूद ओवरचार्जिसकी मार सहन करनी पड़ी।
मकान नं. 460 वासी गुरमुख सिंह व हरप्रीत सिंह ने बताया आज सुबह उक्त गैस एजैंसी का डिलीवरी मैन उनके घर में बुक करवाए सिलैंडरों की सप्लाई देने पहुंचा।इस दौरान वे दोनों भाई अपनी फैक्टरी में थे, जबकि घर पर उनकी पत्नियां व बेटा नवजोत सिंह मौजूद था, जिन्होंने गैस एजैंसी के डिलीवरी मैन को दोनों सिलैंडरों की अदायगी कैश में ही देना अपनी मजबूरी बताया। मगर डिलीवरी मैन उनकी पेशकश को नकारते हुए भुगतान ऑनलाइन प्रणाली से भुगतान करने की बात कर अड़ गया। ऐसे में खपतकार महिलाओं ने मजबूरी में अपने बेटे नवजोत सिंह को फैक्टरी में भेजा और उसने पिता का डैबिट कार्ड मंगवाकर सिलैंडरों की डिलीवरी प्राप्त की, जबकि बाद में डिलीवरी मैन ने उनसे 50 रुपए ओवरचार्जिस के रूप में भी वसूल किए।