Edited By Vatika,Updated: 15 Nov, 2018 04:26 PM
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी ने लोगों की रफ्तार कुछ अधिक ही बढ़ा दी है। लोग समय बचाने के चक्कर में अपनी कीमती जिन्दगी भी जोखिम में डालने से गुरेज नहीं करते।
लुधियाना: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी ने लोगों की रफ्तार कुछ अधिक ही बढ़ा दी है। लोग समय बचाने के चक्कर में अपनी कीमती जिन्दगी भी जोखिम में डालने से गुरेज नहीं करते।
उक्त पंक्तियों को लुधियाना के फोकल प्वाइंट बिजली घर के निकट स्थित रेलवे फाटक पर उस समय चरितार्थ होते देखी जा सकती हैं, जब फाटक के बंद हुए बगैर ही ट्रेनें दौड़ती नजर आती हैं और लोग उसकी परवाह किए बगैर अपनी जान जोखिम में डाल रेलवे लाइनों को क्रॉस करते रहते हैं, लेकिन संबंधित विभाग मौन धारण किए हुए है। वर्णनीय है कि विगत विजयदशमी वाले दिन अमृतसर में घटित हुई दिल दहला देने वाली ट्रेन दुर्घटना, जिसमें कई लोगों को अपनी कीमती जान से हाथ धोना पड़ा था, के बाद भी अधिकतर लोग रेलवे लाइनों या फाटकों को पार करते समय रेलवे नियमों की पालना कर जरूरी सावधानियां नहीं बरतते, जिसके चलते किसी भी समय दुखदाई घटना के घटित होने की संभावना बनी रहती है। सूत्र बताते हैं कि यह ट्रैक ट्रेनों के शंटिंग के लिए है।
उद्योगिक क्षेत्र होने के चलते उक्त फाटक पर हर समय कामगारों व अन्य क्षेत्रवासियों की भारी भीड़ लगी रहती है, जिसके चलते उक्त फाटक पर एक अलग सिस्टम से ट्रेन को निकाला जाता है, जिसमें फाटक बंद किए बगैर ट्रैफिक को निर्विघन निकाला जाता है, ताकि लोगों के वहां रूकने से सड़क पर भारी जाम न लगे, लेकिन उक्त फाटकों की विशेष कार्यप्रणाली के चलते जब तक फाटक बंद नहीं हो जाता, तब तक ट्रेन को ग्रीन सिग्नल नहीं मिल सकता और ट्रेन वहां से क्रॉस नहीं कर सकती और ट्रेन फाटक पर पहुंचते ही रूक जाती है, जिस पर वहां तैनात कर्मी उस समय लोगों को रोक फाटक बंद कर ट्रेन को वहां से निकालते हैं।