Edited By Anjna,Updated: 21 May, 2018 08:36 AM
ब्यास दरिया में सीरा मिलने के कारण सैंकड़ों मछलियां मर रही हैं जो कि पूर्ण तरह से गैर-कानूनी है और यह वाटर एक्ट 1974 का पूर्ण उल्लंघन है। यह बात संत सीचेवाल ने एक प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस के लिए जिम्मेदार किसी भी...
जालंधर (कमलेश): ब्यास दरिया में सीरा मिलने के कारण सैंकड़ों मछलियां मर रही हैं जो कि पूर्ण तरह से गैर-कानूनी है और यह वाटर एक्ट 1974 का पूर्ण उल्लंघन है। यह बात संत सीचेवाल ने एक प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
ब्यास दरिया पार जो घटना घटी है, उसने पंजाब सहित देशभर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया है पर सतलुज दरिया तो रोज ही ब्यास जैसे बुरे समय से गुजर रहा है। सतलुज में काफी समय से लुधियाना कि फैक्टरियों का जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है और इस पानी का प्रयोग करने से सैंकड़ों लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसी तरह शाहकोट हलके में चिट्टी बेईं सतलुज में आकर मिलती है और यह काला संघिया ड्रेन, जमशेर ड्रेन व फगवाड़ा ड्रेन में जहरीला पानी मिला रही है। इस कारण मालवा में बड़े स्तर पर काला पीलिया और कैंसर जैसी बीमारियों ने लोगों को अपने शिकंजे में ले लिया है।
संत सींचेवाल ने कहा कि उनकी मांग है कि पंजाब के दरियाओं के बारे में राज्य सरकार श्वेत पत्र जारी करे जिसमें पंजाब के दरियाओं में डाले जा रहे विषैले पानी कि स्थिति का वर्णन किया जाए। इस सारी प्रक्रिया में कुछ अधिकारी बड़ी लापहवाही बरत रहे हैं। उनकी मांग है कि उन अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया जाए और जहरीले पानी के प्रयोग से जिन लोगो की मौत हुई है, उन्हें मुआवजा दिया जाए।