लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स की नियुक्तियां शाहकोट उप चुनाव के बाद

Edited By Vatika,Updated: 10 May, 2018 03:21 PM

shahkot by election

पंजाब में सरकार द्वारा की जाने वाली लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स की नियुक्तियां अब शाहकोट विधानसभा सीट के उप चुनाव के सम्पन्न होने के बाद की जाएंगी। सरकारी हलकों से पता चला है कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह इस संबंध में कानूनी राय लिए बिना कदम उठाने...

जालंधर(धवन): पंजाब में सरकार द्वारा की जाने वाली लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स की नियुक्तियां अब शाहकोट विधानसभा सीट के उप चुनाव के सम्पन्न होने के बाद की जाएंगी। सरकारी हलकों से पता चला है कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह इस संबंध में कानूनी राय लिए बिना कदम उठाने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि कै. अमरेन्द्र सिंह नहीं चाहते हैं कि पूर्व अकाली सरकार के समय जिस तरह का हश्र पूर्व मुख्य संसदीय सचिवों का हुआ था वैसा कोई घटनाक्रम सामने आए। 

कांग्रेस नेतृत्व की ओर से भी निर्देश आए हैं कि शाहकोट उप चुनाव के दौरान फिलहाल नियुक्तियां न की जाएं। मुख्यमंत्री ने लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स के पद पर विधायकों को समायोजित करना है जिन्हें मंत्री पद नहीं मिल सके थे। बताया जाता है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राज्य के कानूनी विभाग को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा ताकि कल को अगर यह मामला हाईकोर्ट में जाता है तो इसका कोई भी दुष्प्रभाव सामने न आए। सरकार लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स के पदों को लाभ वाले पदों से अलग रखना चाहती है। मंत्रियों के साथ लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स के रूप में विधायकों को जोड़े जाने का प्रावधान है तथा इस संबंध में लगभग 20 विधायकों को एडजस्ट करने की चर्चा चल रही है, इसीलिए कैबिनेट बैठक में भी लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स बनाने के संबंध में कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया गया है। सरकारी हलकों ने बताया कि कांग्रेस नेतृत्व ने भी कहा कि पहले विधायकों की शाहकोट उप चुनाव में कारगुजारी को भी परखा जाए, इसलिए भी अभी लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स के पदों को लेकर सरकार धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सभी मंत्रियों व विधायकों को शाहकोट के लिए कूच करने के निर्देश दिए हैं, इसलिए अब 30 मई को शाहकोट का चुनावी नतीजा आने के बाद जून के शुरू में होने वाले कैबिनेट मीटिंग में ही इस संबंध में फैसला होने के आसार हैं। 

लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स के बाद होंगी बोर्डों व कार्पोरेशनों में नियुक्तियां
यद्यपि मुख्यमंत्री ने लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स के पद पर नियुक्त किए जाने वाले विधायकों की सूची अपने स्तर पर बनाई हुई है तथा शाहकोट उप चुनाव के बाद इस मामले को लेकर सरकार गौर करेगी। यह भी पता चला है कि बोर्डों व कार्पोरेशनों में की जाने वाली नियुक्तियों का कार्य भी अब मध्य जून तक ही होगा, क्योंकि पहले सरकार लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स की नियुक्तियां करेगी तथा उसके बाद ही बोर्डों व कार्पोरेशनों में नियुक्तियां करने का प्रस्ताव है। इन दोनों पदों पर लगभग 40 विधायकों को समायोजित कर दिया जाएगा। पहले ही सरकार में मुख्यमंत्री समेत 18 विधायक समायोजित हैं जबकि स्पीकर व डिप्टी स्पीकर को मिलाकर इनकी गिनती 20 तक पहुंच जाती है। बोर्डों व कार्पोरेशनों में नियुक्तियां करते समय भी मुख्यमंत्री द्वारा अतीत में उनके संकटकाल के समय साथ देने वाले कांग्रेसी नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी तथा साथ ही पिछले डेढ़ वर्षों में विधायकों की कारगुजारियां भी परखी जाएंगी। कुल मिलाकर कैप्टन सरकार अधिकांश विधायकों को समायोजित करने जा रही है।

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