पड़ोसी राज्यों के मुकाबले महंगी बिजली पीछे धकेल रही पंजाब की इंडस्ट्रीयल ग्रोथ

Edited By Sunita sarangal,Updated: 29 Jan, 2020 08:44 AM

punjab s industrial growth lagging behind costlier electricity

उद्योगपतियों ने रैगुलेटरी कमीशन के समक्ष रखी दाम घटाने की मांग

जालंधर(पुनीत): आगामी वर्ष के लिए बिजली की दरें निर्धारित करने को लेकर जालंधर पहुंची पंजाब स्टेट रैगुलेटरी कमीशन की टीम से उद्योगपतियों ने बिजली के दाम कम करने की मांग की। उद्योगपतियों का कहना है कि पड़ोसी राज्यों के मुकाबले पंजाब में मिलने वाली महंगी बिजली ने इंडस्ट्री की ग्रोथ के पहिए थाम दिए हैं जिसके चलते उद्योगपतियों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। 


पावर निगम नॉर्थ जोन के हैड आफिस शक्ति सदन में रैगुलेटरी कमीशन की चेयरपर्सन कुसुमजीत कौर सिद्धू की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के दौरान आगामी वर्ष के लिए टैरिफ हेतु इंडस्ट्री ही नहीं, बल्कि घरेलू, कमर्शियल, खेतीबाड़ी से संबंधित उपभोक्ताओं को अपने विचार रखने का खुला मौका दिया गया। इस दौरान महंगी बिजली से परेशान उक्त उपभोक्ताओं का दर्द कमीशन की टीम के आगे झलका और उन्होंने दाम कम करने की मांग की। इससे पहले बठिंडा व पटियाला में मीटिंग में खपतकारों के सुझाव लिए गए हैं, जबकि अगली मीटिंग चंडीगढ़ में 3 व 4 फरवरी को होगी। 


इस दौरान उद्योगपतियों ने कहा कि पंजाब के मुकाबले दूसरे राज्यों में इंडस्ट्री के पास आर्डर की भरमार है, क्योंकि वहां बिजली सस्ती होने से कास्ट ऑफ प्रोडक्शन कम पड़ती है, जिसके कारण पंजाब में दाम अधिक होने से उद्योगों को उम्मीद के मुताबिक आर्डर नहीं मिल पाते। पंजाब की इंडस्ट्री वैंटीलेटर पर है, इसलिए रैगुलेटरी कमीशन को चाहिए कि वह उन्हें राहत दे। इस अवसर पर रैगुलेटरी कमीशन के मैंबर एस.एस. सरना, अंजुली चंद्रा, परनीत व पावर निगम के तीन जोनों के अधिकारी मौजूद रहे। इनमें नॉर्थ जोन के चीफ इंजीनियर गोपाल शर्मा, सैंट्रल जोन से डी.पी.एस. ग्रेवाल, सी.जी.आर.एफ. से चीफ एस.के. अरोड़ा, लुधियाना से चीफ इंजीनियर पी. एंड एम. एस.एस. जैन, नॉर्थ जोन के डिप्टी चीफ इंजीनियर एच.एस. बंसल आदि शामिल थे।  

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स्माल पावर, मीडियम सप्लाई का लोड बढ़ाया जाए
मीडिया से बातचीत के दौरान उद्योगपतियों ने मांग रखते हुए कहा कि इंडस्ट्री की मांगें पिछले काफी अर्से से लंबित चल रही हैं, लेकिन इनको लेकर उचित कदम नहीं उठाए जाते। उन्होंने मांग रखते हुए कहा कि एस.पी. (स्माल पावर) का लोड 20 से बढ़ाकर 50 किलोवाट तक किया जाए व एम.एस. (मीडियम सप्लाई) को 100 किलोवाट से बढ़ाकर 200 किलोवाट तक किया जाए। उन्होंने कहा कि लोड बढ़ाने से इंडस्ट्री की ग्रोथ में मदद मिलेगी। उद्योगपतियों ने कहा कि विभाग के पास स्टाफ की बेहद शॉर्टेज है, जिसे पूरा करना समय की आवश्यकता है, इसलिए इस संबंध में उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि मीटर रीडिंग की समस्या का हल भी बेहद जरूरी है।


उक्त उद्योगपतियों ने दर्ज करवाई उपस्थिति
रैगुलेटरी कमीशन के समक्ष अपने विचार रखने के लिए विभिन्न एसोसिएशनों के अधिकारी शक्ति सदन पहुंचे, जिनमें लघु उद्योग भारती, द पठानकोट रोड मैन्युफैक्चर्र एसोसिएशन, उद्योग नगर मैन्युफैक्चर्र एसोसिएशन, फैडरेशन ऑफ जालंधर इंजीनियरिंग एसोसिएशन, फैडरेशन ऑफ जालंधर इंडस्ट्रीयल एंड ट्रेडर एसोसिएशन, स्पोर्ट्स एंड सर्जिकल कॉम्पलैक्स, जालंधर रबड़ गुड्स मैन्युफैक्चर्र एसोसिएशन सहित फगवाड़ा, अमृतसर व कई आसपास के शहरों के उद्योगपति शामिल रहे। इस मौके पर आर.के. गांधी, अशोक सेठी, प्रमोद चोपड़ा, अरविंद धूमल, विजय तलवाड़, विक्रांत शर्मा, हरीश गुप्ता, मुखइन्द्र सिंह, अनुज कपूर, सचिन गुप्ता, गुरशरण सिंह, बलराम कपूर, अश्वनी विक्टर, रमेश बहल, संजय गोयल, सूबा सिंह, वरिन्द्र मोहिन्द्रू, एच.एस. नेगी, राजेश लूंबा सहित बड़ी संख्या में उद्योगपति मौजूद रहे। 

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