Edited By Isha,Updated: 05 Sep, 2024 04:56 PM
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी आरक्षण वर्गीकरण को लेकर दिए गए फैसले के तहत आरक्षित बची हुई सीटें सामान्य वर्ग में नहीं जाएंगी। केंद्र व हरियाणा सरकार ने दलितों के इस संशय को दूर कर दिया है कि आरक्षित सीटों पर एससी वर्ग की ही भर्तियां होंगी
चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी आरक्षण वर्गीकरण को लेकर दिए गए फैसले के तहत आरक्षित बची हुई सीटें सामान्य वर्ग में नहीं जाएंगी। केंद्र व हरियाणा सरकार ने दलितों के इस संशय को दूर कर दिया है कि आरक्षित सीटों पर एससी वर्ग की ही भर्तियां होंगी, बीच हुई सीटें बैकलॉग में जाएंगी, एससी सीटों पर सामान्य वर्ग के हिस्से में नहीं दिया जाएगा। आरक्षण को लेकर पिछले काफी दिनों से फैलाए जा रहे भ्रम पर दलित वर्ग का संशय दूर होते ही, भ्रम फैलाने वाले विपक्ष को जवाब देने के लिए एससी समाज ने चंडीगढ़ में एकता की हुंकार भरी।
चंडीगढ़ में आयोजित प्रेसवार्ता में प्रदेशभर से दलित संगठनों, सभाओं व समाज के प्रबुद्ध लोगों ने आरोप लगाया कि विपक्ष (कांग्रेस) की ओर से भ्रम फैलाया जा रहा था कि एससी वर्ग की आरक्षित सीटों पर सामान्य वर्ग की भर्तियां होगी, जिससे दलित वर्ग को नुकसा पहुंचेगा। इसके साथ ही क्रीमिलेयर लागू करने का शिगुफा भी विपक्ष ओर से छोड़ा गया है, जिससे दलित समाज भ्रमित हो गया। मगर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल के साथ हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया कि एससी आरक्षण वर्गीकरण के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होगी। आरक्षित सीटों पर एससी वर्ग के ही भर्ती होगी, यदि सीटें बच जाती हैं तो उन पर सामान्य वर्ग नहीं, बल्कि बैकलॉग में भेजा जाएगा, ताकि बैकलॉग के हिसाब से उन्हें भरा जाए।
भाजपा नेता सुदेश कटारिया ने कहा कि विपक्ष की ओर से फैलाये जा रहे भ्रम का जवाब देने के लिए जिला व ब्लाक स्तर पर टीमें गठित की गई हैं, जोकि फील्ड में उतरकर न केवल विपक्ष के भ्रम का जवाब देगा, बल्कि भाजपा की हैट्रिक लगाने में भी सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि एससी आरक्षण् वर्गीकरण के तहत कोई योग्य उम्मीदवार वंचित अनुसूचित जाति से नहीं मिलता है तो उस स्थिति में अन्य अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों में से उस पद के लिए चयन किया जाएगा। एससी वर्ग को 20 प्रतिशत आरक्षण पहले की तरह मिलता रहेगा। आरक्षित बची हुई सीटें किसी भी सूरत में सामान्य वर्ग में नहीं जाएंगी।
इस अवसर पर रविदास सभा प्रधान पलवल जोगेंद्र सिंह, जिला प्रमुख महेंद्रगढ़ डॉ. राकेश कुमार, अंबेडकर सभा पानीपत प्रधान राकेश कुमार, अंबेडकर सभा तावड़ू से कुलदीप सरपंच, एससी एसोसिएशन बिलासपुर प्रधान कर्मचंद सरपंच, रविदास सभा हिसार सरवर भानखुड़, अंबेडकर सभा अंबाला जसविंद्र, रविदास सभा करनाल पवन कुमार, अंबेडकर सभा रेवाड़ी प्रधान दारा सिंह दौलतपुरिया, गरमित, राजेश सरपंच, रेणू बाला, अनिल कुमार, कुलदीप सिंह, बलदेव सिंगवाल, राजकुमार रंगा, जगबीर, संजय कटारिया, बलजोर सिंह, कुलदीप कुरुक्षेत्र, अनुज, सुरजीत मैडल फतेहाबाद व पंकज कुमार प्रमुख से मौजूद रहे।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी विपक्ष ने संविधान पर फैलाया भ्रम
भाजपा नेता सुदेश कटारिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी विपक्ष (कांग्रेस) ने संविधान और आरक्षण खत्म करने का भ्रम फैलाया। इससे दलित समाज भ्रमित भी हुआ, लेकिन अब विधानसभा चुनाव में फिर कांग्रेस ने दलित समाज को गुमराह करने की जो चाल चलती है, उसको जवाब देने के लिए समाज पूरी तरह तैयार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो दलित वर्ग का आरक्षण खत्म होगा और न ही क्रीमिलेयर लागू होगा। मगर विपक्षी दलितों को बरगलाने के लिए आरक्षण खत्म करने का शिगूफा छोड़ रहे हैं। विपक्ष के इस भ्रम का जवाब देने के लिए दलित वर्ग की हर जिले व ब्लाक पर टीमें गठित की जा चुकी हैं, जोकि फील्ड में उतरकर दलितों से सीधा संवाद करेंगी।
मनोहर ने किया दलितों का उत्थान, पदोन्नति में दिया आरक्षण
भाजपा नेता सुदेश कटारिया ने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने दलितों का उत्थान किया। 1966 से लेकर 2014 तक कितनी सरकारें बनी, सभी ने दलितों को वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल किया और पूर्व की कांग्रेस सरकार में दलितों ने सबसे ज्यादा अत्याचार सहे। गोहाना व मिर्चपुर कांड को दलित अभी तक भूले नहीं हैं, मगर जब 2014 में मनोहर लाल ने प्रदेश की कमान संभाली तो उन्होंने दलित वर्ग की सबसे बड़ी मांग पदोन्नति में आरक्षण को लागू किया। इसके साथ ही उन्होंने एससी कमीशमन व सफाई आयोग का गठन किया। सबसे बड़ा काम उन्होंने मेरिट के आधार पर नौकरियां देने का किया, जिसमें दलित वर्ग का पढ़ा लिखा होनहार युवा क्लर्क से लेकर एचसीएस भर्ती हुआ।