जिले के स्कूलों में मासूमों की सुरक्षा राम भरोसे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jan, 2018 10:16 AM

school children

स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर भले ही लाख दावे किए जाएं परंतु प्रशासन की सुस्ती दूर होने का नाम नहीं ले रही। स्कूल कैंपस को सी.सी.टी.वी. कैमरों की जद में लाने की बात समय-समय पर की जाती रही है लेकिन यह बात हकीकत से दूर है।

गुरदासपुर (दीपक ): स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर भले ही लाख दावे किए जाएं परंतु प्रशासन की सुस्ती दूर होने का नाम नहीं ले रही। स्कूल कैंपस को सी.सी.टी.वी. कैमरों की जद में लाने की बात समय-समय पर की जाती रही है लेकिन यह बात हकीकत से दूर है। तीसरी आंख की कमजोरी को दरकिनार भी कर दिया जाए तो कई सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में चारदीवारी की हालत ऐसी है जिसे लांघ कर कोई भी व्यक्ति अंदर या बाहर जा सकता है। सरकारी स्कूलों के भवनों की दुर्दशा जग-जाहिर है।

सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने की बात तो कोसों दूर है, स्कूलों में सुरक्षा प्रबंधों को दरकिनार किया जा रहा है। स्कूलों में सुरक्षा की कमी की बात अधिकारी भी मानते हैं। उनका कहना है कि अभी अधिकतर स्कूलों में सी.सी.टी.वी. कैमरे नहीं हैं। ऐसे में सुरक्षा से जुड़े इंतजामों को यहां कितनी गंभीरता से लिया जाता है, इसे समझा जा सकता है जबकि अभिभावक भी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। 

स्कूल बस में निर्धारित सीटों से अधिक बिठाए जाते हैं छात्र
जिले के कई प्राइवेट स्कूलों की बसों में सुरक्षा मानक पूरे नहीं हैं। कई बसों में न तो सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे हैं और न ही मैडीकल बॉक्स हैं। निर्धारित सीटों से भी अधिक गिनती में बच्चे बिठाए जाते हैं। कई बार स्कूल बस चालक व परिचालक भी ड्रैस कोड में नहीं होते। कई वाहन खस्ता हालत में रहने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। 

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