Edited By Vatika,Updated: 31 Oct, 2019 03:55 PM
गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का रास्ता 9 नवम्बर को रस्मी तौर पर खुलने जा रहा है और भारत सरकार द्वारा लैंड पोर्ट अथॉरिटी व नैशनल हाईवे की ओर से रास्ते से संबंधित कार्यों को जल्द पूरा किया जा रहा है।
डेरा बाबा नानक(वतन): गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का रास्ता 9 नवम्बर को रस्मी तौर पर खुलने जा रहा है और भारत सरकार द्वारा लैंड पोर्ट अथॉरिटी व नैशनल हाईवे की ओर से रास्ते से संबंधित कार्यों को जल्द पूरा किया जा रहा है। जिस तरह से लग रहा था कि करतारपुर साहिब के रास्ते के लिए लोगों को इतना चाव चढ़ जाएगा कि संगत को अपनी बारी का कई-कई दिन या कई-कई माह इंतजार करना पड़ेगा परंतु शुरूआती सप्ताह में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा और सरकार द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने वाली वैबसाइट पर जारी की गई तिथियों अनुसार मात्र 10 व 11 नवम्बर की संगत ने अभी रजिस्ट्रेशन करवाई है और अन्य तिथियों के वैबसाइट पर स्लाट प्रदर्शित किए जा रहे हैं जिससे यह नई चर्चा शुरू हो गई कि समूचे देश में इतनी कम संख्या में ही लोगों द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की गई है।
वर्णनीय है कि आम संगत की पहुंच से कम्प्यूटर दूर है और उन्हें ऑनलाइन फार्म भरने का ढंग नहीं पता। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों विशेषत: माझा व मालवा के लोगों के पास दोआबा के लोगों के मुकाबले बहुत कम पासपोर्ट हैं और यदि समूचे पंजाब की तरफ ध्यान दिया जाए तो माझा के लोगों का धार्मिक समारोह में सबसे अधिक उत्साह दिखाई देता है परंतु करतारपुर साहिब के रास्ते हेतु पासपोर्ट की शर्त ने संगत का उत्साह घटा दिया है और पंजाब की नौजवान पीढ़ी तो पहले ही पढ़ाई के बहाने रोजगार के लिए विदेशों की तरफ भाग रही है। इसलिए नई पीढ़ी तो इस भय से ही करतारपुर साहिब के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रही कि कहीं उनकी पाकिस्तान जाने की इमीग्रेशन आदि के ब्यौरे व उनके पासपोर्ट से संबंधित जानकारी आदि ऑनलाइन दर्ज न कर दी जाए जिससे उन्हें विदेश जाने में मुश्किल आ जाए।
साधारण परिवारों के लिए दर्शन मात्र सपने के बराबर
गुरु नानक नामलेवा संगत का साधारण व्यक्ति जिसके पास पासपोर्ट नहीं है, जिसके पास 20 यू.एस. डालर की फीस भरने हेतु पैसे नहीं और साधारण परिवार से संबंधित ऑनलाइन आवेदन करने में भी असमर्थ है, उसके लिए पहले की तरह करतारपुर साहिब के दर्शन करना केवल सपने के बराबर है।
सुविधा केन्द्रों में फार्म भरने की सुविधा शुरू
पंजाब सरकार द्वारा 24 अक्तूबर को पाकिस्तान व भारत के रास्ते संबंधी समझौते वाले दिन यह घोषणा की गई थी कि जिन लोगों को ऑनलाइन फार्म भरने नहीं आते उनके लिए सुविधा केन्द्रों में यह सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी और पंजाब सरकार द्वारा आज से यह सुविधा दी जानी थी, इस कारण भी कम संख्या में लोगों द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाई गई है। पंजाब के विभिन्न धार्मिक समारोह में पंजाब के लोग बड़ी संख्या में भाग लेते हैं और पूरा वर्ष ही किसी न किसी त्यौहार व धार्मिक स्थानों के दर्शन भी करते हैं तथा कई दानी स"ान लोगों को अपनी ट्रालियों, ट्रकों व अन्य वाहनों पर भी दर्शन करने के लिए लेकर जाते हैं लेकिन करतारपुर साहिब के लिए रखी गई 20 यू.एस. डालर की फीस भी करतारपुर साहिब के दर्शनों में अड़चन बन रही है।
धुंध के कारण सही से नहीं हो सके दूरबीन से दर्शन
इस संबंधी दूरबीन से दर्शन कर वापस आ रहे अंबाला के रणजीत सिंह व उनकी पत्नी परमजीत कौर ने कहा कि यदि हम अपने परिवार के 5 सदस्य इकट्ठे गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करना चाहते हैंतो हमें प्रति सदस्य 20 यू.एस. डालर के हिसाब से 100 डालर फीस देनी होगी और सिख धर्म में फीस से धार्मिक स्थानों के दर्शन करने की परम्परा नहीं है। इसके साथ-साथ हमारे व पारिवारिक सदस्यों के पास पासपोर्ट भी नहीं है जिसके लिए हमारा करतारपुर साहिब जाना अभी असंभव है और इसलिए आज हमने दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन किए हैं लेकिन धुंध की वजह से करतारपुर साहिब के दर्शन अ‘छी तरह नहीं हो सके।