Edited By Anjna,Updated: 04 Feb, 2019 08:51 AM
रेलवे विभाग लाखों-करोड़ों की लागत से इस समय बहुत तेजी से रेलवे स्टेशन मानसा का नवीनीकरण कर इस स्टेशन को अनोखा अजूबा बनाने में लगा हुआ है।
मानसा(संदीप मित्तल): रेलवे विभाग लाखों-करोड़ों की लागत से इस समय बहुत तेजी से रेलवे स्टेशन मानसा का नवीनीकरण कर इस स्टेशन को अनोखा अजूबा बनाने में लगा हुआ है। इसके लिए स्टेशन को नया रूप देने के लिए इसकी चारदीवारी, प्लेटफार्म पुल, शैड, कुर्सियों, वाटर कूलर और लाइनों निचले पत्थरों पर रंग-रोगन का काम लगभग मुकम्मल हो चुका है। इसके प्रवेश द्वार के आगे गुड्डा टाइलें और पत्थर लगा कर रंग-बिरंगे फूलों की प्लांटेशन भी की जा रही है। इस रेलवे स्टेशन पर शहरी द्वार की तरफ फुव्वारे भी लगाए जा रहे हैं। इसमें बने शौचालयों की कमियों को बहुत तेजी से दूर किया जा रहा है परंतु रेलवे स्टेशन में बने 2 आधुनिक शौचालयों पर पिछले काफी समय से ताला लगा हुआ है। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ से केंद्र सरकार से जारी करवाई गई ग्रांट के चलते इस रेलवे स्टेशन को नया रूप देकर इसकी नुहार बदली जा रही है परंतु अभी भी इसमें कई खामियां हैं।
खाली जगह पर रेहड़ी मार्कीट बनाए जाने की मांग
बठिंडा से बरेटा तक रेलवे लाइन को दोनों तरफ से सुंदर बनाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने की जरूरत है। मानसा रेलवे स्टेशन पर अन्य फूलों की प्लांटेशन की भी जरूरत है। इसके अलावा लोगों की मांग है कि मानसा रेलवे लाइन की साइडों पर पड़ीं खाली जगह को कम रेट पर किराए पर देकर रेहड़ी मार्कीट बनाई जाए तो इससे एक तो आम लोगों को रोजगार मिलेग दूसरा रेलवे स्टेशन की आमदन बढ़ सकती है। साथ ही जींद से बङ्क्षठडा तक लोकल गाडिय़ों के रूट बढ़ाए जाएं। मानसा शहर के चकेरियां रोड स्थित फाटक व जवाहरके-सूए रोड फाटक पर रास्ता या अंडरब्रिज भी बनाया जाना चाहिए।
अधूरे पुल को बनाने की मांग
रेलवे स्टेशन मानसा पर प्लेटफार्म-1 को प्लेटफार्म-2 के साथ मिलाने के लिए बना पुल भी अधूरा है। रेलवे विभाग ने सुरक्षा के तौर पर इसमें जाली तो लगा दी है परंतु इसको शहर के दूसरे हिस्से से जोड़े जाने और बढ़ाए जाने की जरूरत है, क्योंकि मुसाफिरों को शहर के दूसरे तरफ से आने पर काफी लम्बा चक्कर काटना पड़ता है। दूसरा प्लेटफार्म-2 ऊंचा होने के कारण दूसरी तरफ जाते समय कई मुसाफिर गिरकर चोटिल हो जाते हैं। शहर निवासियों की मांग है कि इस पुल को दूसरी तरफ बढ़ाया जाए तो शहर के दोनों तरफ के लोगों के लिए रेलवे स्टेशन पर आना-जाना आसान हो सकता है। रेलवे सूत्रों अनुसार पता चला है कि स्टेशन की दूसरी तरफ रेलवे प्लेटफार्म के पुल को और बढ़ा कर एक अन्य प्लेटफार्म बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस तरफ 125 मीटर के करीब क्षेत्रफल को रेलवे स्टेशन के घेरे में लाया जा रहा है। इससे रेलवे पार्क आधे से ज्यादा इसकी चपेट में आ जाएगा।
माल गोदाम की सड़क की मुरम्मत अहम मांग
बेशक इस रेलवे स्टेशन पर आने वाली हर मुश्किल का हल करने के यत्न जारी हैं, परंतु अभी भी इस स्टेशन पर कई कमियां नजर आ रही हैं। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन को आदर्श रेलवे स्टेशन बनाने के लिए रेलवे प्लेटफार्म-1 को ऊंचा करने, माल गोदाम की सड़क की मुरम्मत करने की योजना विचाराधीन है , जिनको पूरा करना भी समय की अहम मांग है। शहर निवासियों को पूरी उम्मीद है कि ये कमियां दूर होने पर रेलवे स्टेशन जल्द ही अजूबा बन कर सामने आएगा। यह भी पता चला है कि मध्य फरवरी तक रेलवे स्टेशन के अजूबा बन कर लोकाॢपत होने की संभावना है।
सीनियर सिटीजनों की मुख्य मांगें
सीनियर सिटिजन कौंसिल मानसा द्वारा मा. रुलदू राम बांसल के नेतृत्व में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को मांग पत्र भेजा गया था कि दिल्ली-फिरोजपुर रेल मार्ग पर लेट चल रही गाडिय़ों को निर्धारित समय पर चलाया जाए। इसके साथ ही मानसा स्टेशन के प्लेटफार्म-1 को जल्द ऊंचा करने, प्लेटफार्म 2-3 पर मुसाफिरों के लिए जरूरी शैड व पीने के पानी का प्रबंध करने, पूछताछ खिड़की या टिकट घर के पास स्टेशन पर वाईफाई सुविधा उपलब्ध करवाने, रोहतक-बठिंडा के बीच ई.एम.यू. या डी.एम.यू. गाड़ी चलाने, बठिंडा से हिसार वाया मानसा सवारी गाड़ी चलाने, प्रयाग राज एक्सप्रैस जो इलाहाबाद से चल कर नई दिल्ली 15 घंटे खड़ी रहती है, को रेलवे स्टेशन बठिंडा तक चलाने आदि की मांगें रखी थी। सीनियर सिटीजन कौंसिल ने यह भी मांग रखी थी कि रेलवे प्लेटफार्म में विस्तार कर शहर को रेलवे स्टेशन के साथ दोनों तरफ से जोड़ा जाए और माल गाडिय़ों के ट्रांसपोर्ट वाले प्लेटफार्म को शहर से बाहर किया जाए।