Edited By Updated: 11 Feb, 2017 11:10 AM
शहर के बहुचॢचत मारपीट प्रकरण में आज नया मोड़ उस समय आ गया जब उक्त केस की शीर्ष पुलिस अधिकारियों द्वारा की जा रही दोबारा जांच के दौरान फगवाड़ा
फगवाड़ा (जलोटा): शहर के बहुचर्चित मारपीट प्रकरण में आज नया मोड़ उस समय आ गया जब उक्त केस की शीर्ष पुलिस अधिकारियों द्वारा की जा रही दोबारा जांच के दौरान फगवाड़ा पुलिस की एक टीम ने एक आरोपी के घर छापेमारी कर उसके वहां पर न मिलने पर उसकी निर्दोष पत्नी और 2 मासूम बच्चों को बिना किसी वारंट के कथित तौर पर जबरदस्ती उठा लिया। इसके पश्चात उक्त महिला को पुलिस वाहन में बैठाकर शहर में घुमाते हुए मासूम बच्चों सहित पुलिस थाने लाया गया।
पुलिस की उक्त कथित कार्रवाई तब लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन गई जब महिला को जबरदस्ती पुलिस वाहन में बैठाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। साथ ही सोशल मीडिया पर डी.एस.पी. फगवाड़ा द्वारा एस.पी. फगवाड़ा को मामले को लेकर भेजी गई रिपोर्ट भी वायरल हो गई है। इस पर पीड़िता मोनिका चड्ढा और उसके बच्चों को चुपचाप पुलिस थाने से चले जाने को कह दिया गया। पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर हदियाबाद व सतनामपुरा इलाके में भारी दहशत है।
उधर एस.एस.पी. कपूरथला अलका मीणा का कहना है कि प्रकरण को लेकर पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। थाना सिटी फगवाड़ा के एस.एच.ओ. निर्मल सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर उसे लाइन हाजिर कर दिया गया है। पुलिस जांच में जो भी पुलिस अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। पुलिस बर्बरता का शिकार मोनिका चड्ढा पत्नी विवेक चड्ढा ने बताया कि आज दोपहर उसके घर के समीप एक पुलिस वाहन आकर रुका व कुछ वर्दीधारी पुरुष पुलिस अधिकारी उसके घर में जबरदस्ती दाखिल हुए और अभद्र भाषा का प्रयोग कर पुलिस वाहन में बैठने का निर्देश दिया। जब उसने पूछा कि उसका क्या कसूर है तो उन्होंने उससे गाली-गलौच किया।
यह देखकर कालोनी निवासी उसके घर के बाहर जमा हो गए लेकिन पुलिस वालों ने किसी की एक न सुनी और उसे स्वैटर से खींचकर उसके बच्चों सहित पुलिस वाहन में जबरदस्ती बैठा लिया। उसने जब पूछा कि क्या उक्त पुलिस अधिकारियों के पास उसको गिरफ्तार करने अथवा उसके घर में छापेमारी करने का वारंट है तो उसे कुछ नहीं बताया गया। इसके बाद उसे व उसके 2 मासूम बच्चों (9 वर्षीय बेटी व 6 वर्ष का बेटा) को पुलिस वाहन में बैठाकर शहर में घुमाते हुए पुलिस थाने लाया गया। पीड़िता ने एस.एस.पी. कपूरथला अलका मीणा से मांग की है कि वह बतौर महिला उनके साथ घटे शर्मनाक घटनाक्रम की पीड़ा को समझें और जो पुलिस अधिकारी व कर्मचारी इस प्रकरण में शामिल रहे हैं उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज करें।