Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 02:49 PM
जी.एस.टी. लागू होने के बाद पिछले 5 महीनों में स्टील के रेटों में हुई करीब 7000 रुपए प्रति मीट्रिक टन की वृद्धि के विरोध में स्टील उपभोक्ता इंडस्ट्री द्वारा आवाज बुलंद करने के चलते सैकेंडरी स्टील निर्माता इंडस्ट्री ने स्टील इंगट के रेटों में करीब...
लुधियाना(बहल) : जी.एस.टी. लागू होने के बाद पिछले 5 महीनों में स्टील के रेटों में हुई करीब 7000 रुपए प्रति मीट्रिक टन की वृद्धि के विरोध में स्टील उपभोक्ता इंडस्ट्री द्वारा आवाज बुलंद करने के चलते सैकेंडरी स्टील निर्माता इंडस्ट्री ने स्टील इंगट के रेटों में करीब 1200 रुपए प्रति मीट्रिक टन की कमी की है। इससे इंजीनियरिंग इंडस्ट्री ने कुछ राहत की सांस ली है क्योंकि गत सप्ताहांत 2 दिनों में ही 2000 रुपए प्रति टन स्टील इंगट के दाम बढऩे से उद्योगों में हाहाकार मच गई थी।
फैडरेशन ऑफ पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज संघ के अध्यक्ष बदीश जिंदल की अध्यक्षता में एक शिष्टमंडल ने गत दिवस नॉर्थ इंडिया इंडक्शन फर्नेस संघ के पदाधिकारियों के समक्ष स्टील इंगट के रेटों में वृद्धि के मुद्दे पर मीटिंग करके अपना विरोध दर्ज करवाया था। इसके अलावा फास्टनर निर्माता संघ के प्रधान नरेंद्र भमरा, कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में उद्योग संगठनों की मीटिंग में स्टील के रेटों के मुद्दे पर रोष प्रदर्शन की धमकी जारी की गई थी। बता दें कि पंजाब की सैकेंडरी स्टील इंडस्ट्री ने अपने इंगट के दामों में कटौती की है लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र और प्राइवेट स्टील प्लांटों ने अपने उत्पादों के दाम में कोई भी कटौती नहीं की है, जबकि 1 जनवरी 2018 को देश की बड़ी स्टील निर्माता कम्पनियों द्वारा अपने प्रोडक्ट्स के दाम फिर से बढ़ाने की तैयारी है।