Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 02:30 PM
नगर निगम चुनाव को लेकर जहां भागदौड़ चल रही है, वहीं संभवत: फरवरी में होने वाले यह चुनाव सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी असर डालेंगे, क्योंकि चुनाव को सुचारू ढंग से करवाने के लिए चुनाव अधिकारियों द्वारा स्कूल प्रिंसीपलों व अध्यापकों को...
लुधियाना (विक्की): नगर निगम चुनाव को लेकर जहां भागदौड़ चल रही है, वहीं संभवत: फरवरी में होने वाले यह चुनाव सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी असर डालेंगे, क्योंकि चुनाव को सुचारू ढंग से करवाने के लिए चुनाव अधिकारियों द्वारा स्कूल प्रिंसीपलों व अध्यापकों को ड्यूटी के लिए बुला लिया गया है। निगम चुनाव की तैयारियों के लिए यह आदेश उस समय स्कूलों में पहुंचे हैं, जब पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं और 10वीं की परीक्षाओं की डेटशीट भी जारी कर दी है।
परीक्षाओं की तैयारी करवाने का लोड
12वीं की परीक्षाएं 28 फरवरी और 10वीं की परीक्षाएं 12 मार्च से शुरू होनी हैं। ऐसे में परीक्षाओं से करीब डेढ़ महीना पहले ही पिं्रसीपलों व अध्यापकों को स्कूल छोड़कर निगम चुनाव की तैयारियों के लिए ड्यूटी करनी होगी। अब पिं्रसीपल व स्कूल स्टाफ इस बात पर भी असमंजस में है कि परीक्षाओं से पहले निगम चुनाव में ड्यूटी के लिए समय देते हैं तो स्कूल में विद्यार्थियों को सिलेबस रिवीजन के लिए समय नहीं मिल पाएगा।
26 स्कूल प्रमुखों की लगाई चुनाव ड्यूटी
जानकारी के अनुसार चुनाव रजिस्ट्रेशन अधिकारी कम तहसीलदार केन्द्रीय की ओर से ही लुधियाना के विभिन्न 14 स्कूलों के पिं्रसीपलों व 12 स्कूलों के प्रमुखों को चुनाव ड्यूटी के लिए बुलाया गया है। यही नहीं परीक्षाओं के दिनों में स्कूलों में सबसे अहम ड्यूटी निभाने वाले कम्प्यूटर अध्यापकों को भी एक अन्य चुनाव रजिस्ट्रेशन अफसर ने ड्यूटी के लिए बुलाया है। अधिकारी की ओर से जारी किए गए पत्र में विभिन्न 7 स्कूलों की कम्प्यूटर फैकल्टी को नगर निगम चुनाव में दफ्तरी कार्य ड्यूटी के लिए तत्काल समय में हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं। यही नहीं अगर ये स्टाफ ड्यूटी पर नहीं पहुंचता तो इस पर विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है।
प्रिंसीपलों पर लटकी तलवार
बता दें कि शिक्षा विभाग ने गत दिनों पिं्रसीपलों व स्कूल प्रमुखों को आदेश जारी किए थे कि उन्हें भी अपने-अपने विषयों के पीरियड लेने होंगे। नाम न छापने की शर्त पर कुछ प्रिंसीपलों का कहना है कि अगर अध्यापकों का रिजल्ट कम रहता है तो उन पर विभाग को जवाबदेही की तलवार लटक जाती है। अब अगर ड्यूटी पर नहीं जाते तो भी उन पर किसी न किसी रूप में कार्रवाई हो सकती है।
कैसे होगी विद्यार्थी की पढ़ाई
ड्यूटी पर जाने वाले स्टाफ का कहना है कि परीक्षाओं के दिनों में चुनाव आने से इसका सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ेगा। अब अध्यापक इस असमंजस में फंसे हैं कि वे चुनाव ड्यूटी करेंगे तो स्टूडैंट्स को परीक्षाओं से पहले की तैयारी किस तरह सुचारू ढंग से करवा पाएंगे।