Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Mar, 2018 09:21 AM
निगम चुनावों में वार्ड नंबर-31 के अधीन आते महा सिंह नगर में जीत की खुशी व हार की रंजिश में भिड़े 2 पक्षों के मध्य हुए खूनी संघर्ष में घंटों ईंट-पत्थर चलने से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है। दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोपों को...
लुधियाना(पंकज): निगम चुनावों में वार्ड नंबर-31 के अधीन आते महा सिंह नगर में जीत की खुशी व हार की रंजिश में भिड़े 2 पक्षों के मध्य हुए खूनी संघर्ष में घंटों ईंट-पत्थर चलने से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है। दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोपों को जांचने में जुटी पुलिस के दर्जनों मुलाजिमों द्वारा कड़ी मशक्कत उपरांत हालात पर काबू पाया जा सका। खबर लिखे जाने तक एरिया में हालात नाजुक बने हुए थे। हालांकि पुलिस ने बीच-बचाव करते हुए दोनों पक्षों को शांत कर दिया परंतु अंधेरा होते ही हारने वाले पक्ष के समर्थक भारी संख्या में एकत्रित हो गए तथा फिर से भिडऩे का प्रयास करने लगे। इस पर पुलिस को लाठीचार्ज करके उन्हें खदेडऩा पड़ा।
घटना बाद दोपहर की है। वार्ड नंबर-31 में पिछले 10 वर्षों से बतौर आजाद चुनाव जीतने वाले ठाकुर विश्वनाथ व उनकी धर्मपत्नी इस बार भाजपा की उम्मीदवार सोनिया शर्मा पत्नी पंकज शर्मा से चुनाव हार गए। इलाके में हुआ खूनी संघर्ष इसी हार-जीत का नतीजा बताया जाता है। चुनाव जीतने के बाद पार्षद सोनिया शर्मा अपने पति पंकज, ससुर सुरिन्द्र शर्मा व सास राजेशा शर्मा के साथ पठानकोट स्थित वढेरों के स्थान पर माथा टेकने के लिए निकले थे। पीछे से पार्षद का देवर अश्विनी शर्मा किसी झगड़े का फैसला करवाने डाबा थाने में था। उसने बताया कि परिवार की एक महिला ने उसे मोबाइल पर सूचना दी कि उनका करीबी मोहित नामक युवक उनके घर के बाहर खड़ा था कि अचानक आल्टो कार में आए 5 गुंडों ने उसे घेरकर पीटना शुरू कर दिया, जिस पर मोहित जान बचाने के लिए उनके घर में घुस गया।
इस पर सभी हमलावर भी उसके पीछे घर में घुस आए और उसे व अन्य सदस्यों पर हमला कर जमकर तोडफ़ोड़ की। अश्विनी का आरोप था कि हमलावर हारने वाली उम्मीदवार के समर्थक थे। घटना की जानकारी बार-बार पुलिस को देने पर भी कोई वहां नहीं पहुंचा। जब वह मोहल्ले में पहुंचा तो पूर्व पार्षद के करीबियों ने उस पर ईं-पत्थर चलाने शुरू कर दिए। इससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई।दूसरी तरफ ठाकुर विश्वनाथ ने आरोप लगाया कि हमला नवनियुक्त पार्षद के समर्थकों ने किया था, जिसका जवाब उनकी तरफ से दिया गया। हालांकि पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर शांत कर दिया परंतु अंधेरा होते ही ठाकुर समर्थक फिर से लामबंद हो गए और माहौल बिगाडऩे के प्रयास शुरू कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर ए.डी.सी.पी. संदीप शर्मा, ए.डी.सी.पी. राजवीर सिंह, ए.सी.पी. धर्मपाल, ए.सी.पी. पवनजीत सहित कई थानों के प्रभारी भारी पुलिस फोर्स सहित वहां पहुंच गए। जैसे ही ठाकुर समर्थकों ने माहौल खराब करना शुरू किया तो पुलिस के सब्र का बांध टूट गया, जिस पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज करते हुए शरारती तत्वों को वहां से भगाया।