बर्खास्त किए पूर्व SSP व PPS अधिकारी राजजीत सिंह के खिलाफ Vigilance जांच शुरू, पढ़ें पूरा मामला

Edited By Vatika,Updated: 19 Apr, 2023 09:02 AM

vigilance investigation started against raj jit singh

पंजाब सरकार ने विजिलेंस को जांच के लिए पत्र लिखा है, जिसमें राजजीत सिंह और उसके परिवार के बैंक के खातों की जांच की जाएगी।

चंडीगढ़: बर्खास्त किए मोगा के पूर्व एस.एस.पी. व पी.पी.एस. अधिकारी राजजीत सिंह के खिलाफ विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है। पंजाब सरकार ने विजिलेंस को जांच के लिए पत्र लिखा है, जिसमें राजजीत सिंह और उसके परिवार के बैंक के खातों की जांच की जाएगी। 

क्या है मामला 
बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मोगा के पूर्व एस.एस.पी. व पी.पी.एस. अधिकारी राजजीत सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था।  सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा था कि नशा तस्करी में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री मान ने कहा था कि सीलबंद लिफाफों की रिपोर्टों का अध्ययन करने के बाद पी.पी.एस. राजजीत सिंह को ड्रग तस्करी केस में नामजद करके तुरंत नौकरी से बर्खास्त किया गया। मान ने अपने ट्वीट में लिखा था कि उन्होंने विजीलैंस ब्यूरो के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे राजजीत सिंह द्वारा कथित रूप से ‘चिट्टे’ को बेच कर कमाई गई दौलत का पता लगाएं और साथ ही राजजीत द्वारा बनाई गई सम्पत्ति का भी पता लगाया जाए। राज्य में पुलिस तथा ड्रग माफिया की आपसी सांठगांठ को लेकर एस.आई.टी. ने अपनी रिपोर्ट तैयार की थी जो बाद में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपी गई थी। हाईकोर्ट को यह रिपोर्ट सीलबंद लिफाफों में सौंपी गई थी और बाद में पिछले दिनों हाईकोर्ट ने यह सीलबंद लिफाफे पंजाब सरकार को कार्रवाई के लिए सौंप दिए थे। नशा तस्करी को लेकर भगवंत मान सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई राजजीत सिंह को बर्खास्त करके की है। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट के अंत में यह भी लिखा है कि जल्द ही इस संबंध में और जानकारी दी जाएगी।

पूर्व एस.एस.पी. राजजीत सिंह ने इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह पर दिखाई थी विशेष मेहरबानी
एस.आई.टी. की रिपोर्ट में राजजीत सिंह तथा इंद्रजीत सिंह की ड्रग मामले में भूमिका को लेकर कुछ उंगलियां उठाई गई थीं। 2013 में राजजीत सिंह को एस.एस.पी. तरनतारन लगाया गया था तथा उनके अग्राह पर इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह को तरनतारन में नियुक्त किया गया था।  तब राजजीत ने कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्र में उन्हें इंद्रजीत सिंह की सेवाओं की जरूरत है। उस समय जिले में इंद्रजीत सिंह से वरिष्ठ 40 और अधिकारी भी मौजूद थे। इंद्रजीत को ओ.आर.पी. रैंक देकर तरनतारन में सी.आई.ए. इंस्पैक्टर लगाया गया था तब उन्हें हैड कांस्टेबल से ए.एस.आई. बनाने के लिए दोहरी पदोन्नति देने की सिफारिश की गई थी। ऐसा करते समय राजजीत सिंह ने कहा था कि इंद्रजीत सिंह के खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला लंबित नहीं है जबकि उसके खिलाफ जांच चल रही थी। 7 अगस्त, 2014 को राजजीत सिंह ने होशियारपुर में एस.एस.पी. रहते हुए आई.जी. को पत्र लिख कर कहा था कि इंद्रजीत एक मेहनती अधिकारी है।

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