Edited By Sunita sarangal,Updated: 03 Nov, 2021 03:53 PM

पंजाब सरकार द्वारा जून महीने में ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग से सेहत विभाग में मर्ज किए गए 618 ग्रामीण डिस्पेंसरियों के रुरल मेडीकल अफसर, फार्मासिस्ट और दर्जा चार कर्मचारी को पिछले पांच महीना से तनख्वाह का इंतजार कर रहे हैं और काली दीवाली मनाने के...
पटियाला (परमीत): पंजाब सरकार द्वारा जून महीने में ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग से सेहत विभाग में मर्ज किए गए 618 ग्रामीण डिस्पेंसरियों के रुरल मेडीकल अफसर, फार्मासिस्ट और दर्जा चार कर्मचारी को पिछले पांच महीना से तनख्वाह का इंतजार कर रहे हैं और काली दीवाली मनाने के लिए मजबूर हैं। वास्तव में 489 डिस्पेंसरियां पहले बिना रुरल मेडीकल अफसर के फार्मासिस्टों और दर्जा चार कर्मचारी द्वारा चलाई जा रही थीं। इनके साथ ही 129 ऐसी फार्मासिस्ट है जिन्हें रुरल मेडीकल अफसरों ने सेहत विभाग में मर्ज के लिए सहमति दी है। यह मर्ज 6 जून के करीब हुआ था जिसे मंत्री मंडल द्वारा मंजूरी दी गई थी।
डाक्टरों के इलावा 618 फार्मासिस्ट और 618 दर्जा चार कर्मचारी भी ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग से सेहत विभाग में शिफ्ट किए गए थे। तब से लेकर पूरे पंजाब में काम कर रहे इन रूरल मेडिकल अफसरों और दर्जा चार मुलाजिमों को तनख्वाह नहीं मिली। सेहत विभाग के डायरेक्टर ने पांच बार पत्र लिख कर तनख्वाह की जिम्मेदारी सिविल सर्जन को दी थी पर अभी तक तनख्वाह नहीं मिलीं। खाली जेबों के साथ यह कर्मचारी काली दीवाली मनाने के लिए मजबूर हैं। फार्मासिस्ट और दर्जा चार कर्मचारियों ने बताया कि वह 16 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं और उन्हें कभी भी डी.ए. या और कोई सुविधा नहीं मिली जबकि ड्यूटी वह पूरी कर रहे है।
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