पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के बुकियों में मची अफरा-तफरी, जानें क्या है मामला

Edited By Urmila,Updated: 01 Mar, 2024 11:26 AM

there is chaos among the bookies of punjab

महानगर जालंधर का एक शख्स जो कि बस्तियात क्षेत्र का रहने वाला है, व खुद को सॉफ्टवेयर डिवैल्पर कहता है।

जालंधर (कशिश): महानगर जालंधर का एक शख्स जो कि बस्तियात क्षेत्र का रहने वाला है, व खुद को सॉफ्टवेयर डिवैल्पर कहता है, अब पंजाब, हरियाणा, दिल्ली तक के हजारों मैच बुकियों को कंट्रोल कर रहा है। यह व्यक्ति 2001 में जालंधर में एक सॉफ्टवेयर लेकर आया था, इस सॉफ्टवेयर का नाम जैड अकाऊंट है जिसे बुक्कियों की भाषा में सी.वी.एम. कहा जाता है। उस समय यह साफ्टवेयर पंजाब के बड़े बुक्की किंग ही अपने लैपटॉप में इंस्टाल करवाते थे। जिन बुकियों के पास पंटर ज्यादा होते थे और यह सॉफ्टवेयर पंटरों की तरफ से की टीम की सारी जानकारी रखता था।

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समय बीतने के साथ-साथ यह साफ्टवेयर उस समय में हरेक बुक्की के लिए जरूरी बन गया ताकि पैसों के लेन-देन में गड़बड़ी न हो सके। सूत्रों के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर डिवैल्पर के साथ और 2 लोग काम कर रहे हैं। पंजाब के हजारों बुकियों के लैपटॉप में इनके लोड किए सॉफ्टवेयर मिल जाएंगे। इस साफ्टवेयर को लैपटाप में इंस्टाल करवाने की 20,000 रुपए फीस रखी गई है। अगर बुक्की सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं करवाता तो उसका सॉफ्टवेयर बंद कर दिया जाता है।

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ऐसा नहीं है कि बुकियों द्वारा इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर और बुकियों के लिंक्स के बारे में पुलिस को पूरी तरह से जानकारी न हो, क्योंकि कई विभिन्न जिलों में बुक्की पुलिस की पकड़ में आते भी हैं और उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाते नैटवर्क इंस्ट्रूमैंट्स भी पकड़े जाते हैं, जिनमें मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि शामिल हैं लेकिन लैपटॉप में इस्तेमाल सॉफ्टवेयर से साइबर क्राइम सैल पूरी जानकारी तो ले लेता है, लेकिन इस नैक्सैस को चलाने वालों तक पुलिस पहुंच नहीं पाती है।

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सूत्रों से पता चला है कि जालंधर का यह ‘सॉफ्टवेयर डिवैल्पर’ पंजाब में चल रहे अवैध दड़े-सट्टे के हिसाब-किताब का सॉफ्टवेयर भी बना चुका है और अवैध दड़ा-सट्टा कारोबारी इसको चला रहे हैं। ‘पंजाब केसरी’ में प्रकाशित खबर से पंजाब के बुकियों में इस समय अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। कई बुकियों ने तो अपने ठिकाने और कइयों ने अपने मोबाइल नम्बर बदल लिए हैं। खुद को सॉफ्टवेयर डिवैल्पर कहने वाले शख्स ने अपना मोबाइल नम्बर बंद कर दिया है जिसकी वजह से अब बुक्कियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि 22 मार्च से आई.पी.एल. शुरू होने जा रहा है और इसका मोबाइल नम्बर बंद होने के कारण बुकियों का सॉफ्टवेयर एपडेट नहीं हो पा रहा।

कैसे इंस्टाल किया जाता है बुक्की के लैपटॉप में जैड अकाऊंट सॉफ्टवेयर

जिस बुक्की ने सॉफ्टवेयर इंस्टाल करवाना होता है उसको व्हाट्सएप के जरिए एक लिंक भेजा जाता है, उसके बाद उसके लैपटाप को एनी डैस्क के जरिए रिमोट पर लिया जाता है जिसके बाद उस लिंक को ओपन करने पर इसको इंस्टाल कर दिया जाता है और लिंक डिलीट कर दिया जाता है जिससे उसके लैपटॉप में यह सॉफ्टवेयर चलने लग जाता है। हालांकि यह लिंक साऊथ अफ्रीका का बताया जा रहा है।

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