Edited By Kamini,Updated: 18 Aug, 2023 02:16 PM

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 10 अगस्त को पंजाब सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन जारी कर सभी ग्राम पंचायतों को भंग कर दिया गया था।
चंडीगढ़ (हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 10 अगस्त को पंजाब सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन जारी कर सभी ग्राम पंचायतों को भंग कर दिया गया था। सरकार के उक्त आदेशों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर 28 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। उक्त आदेश जस्टिस राज मोहन सिंह एवं जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ की बैच ने दिए हैं। पटियाला और कई जिलों की ग्राम पंचायतों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि 10 अगस्त की नोटिफिकेशन पूरी तरह से अवैध, मनमानी और असंवैधानिक है।
ग्राम पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और सरपंचों द्वारा दायर याचिका में, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि पंजाब की सभी ग्राम पंचायतों को निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यकाल की समाप्ति से पहले गलत और अवैध रूप से भंग कर दिया गया था, जो कानून के दायरे से बाहर है। याचिकाकर्ताओं ने जनवरी 2019 में सरपंच चुने जाने के बाद कार्यभार संभाला था। ऐसे में उनका कार्यकाल जनवरी 2024 तक था, लेकिन राज्य सरकार ने 31 दिसंबर तक ग्राम पंचायतों के चुनाव कराने का फैसला किया है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों को भंग कर दिया गया था और डायरेक्टर, ग्रामीण विकास और पंचायत-संयुक्त विशेष सचिव को सभी कार्यों को करने और ग्राम पंचायतों की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए प्रशासक नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया गया था। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, किसी भी समय चुनाव की घोषणा करने और पंचायतों को भंग करने की शक्ति का मतलब यह नहीं हो सकता है कि संविधान द्वारा निर्धारित कार्यकाल को संबंधित अधिकारियों के विवेक पर बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता है।
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