Edited By Vatika,Updated: 22 May, 2025 10:32 AM

पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे पानी के बंटवारे को लेकर लंबी खींचतान
चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे पानी के बंटवारे को लेकर लंबी खींचतान के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है और नंगल डैम की सुरक्षा सीधे अपने हाथों में ले ली है। भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) की सिफारिश पर इस सुरक्षा प्रबंध को फौजी बल सी.आई.एस.एफ. को सौंपा गया है। अब डैम पर पंजाब पुलिस की जगह 296 सी.आई.एस.एफ. जवान तैनात होंगे।
पिछले कुछ सप्ताहों में बी.बी.एम.बी. द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के फैसले के बाद पंजाब में राजनीतिक और जन-आंदोलन स्तर पर विरोध तेज हो गया था। 1 मई को नंगल डैम पर पंजाब पुलिस की गश्त बढ़ाई गई थी, लेकिन मामला पंजाब व हरियाणा की सरकारों के बीच तीखी टकराव के चलते हाईकोर्ट तक जा पहुंचा। पिछली सुनवाई में उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया था कि पंजाब सरकार या पंजाब पुलिस को बी.बी.एम.बी. के कार्यों में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि भाखड़ा-नंगल डैम, लोहार कंट्रोल रूम आदि की सुरक्षा बी.बी.एम.बी. की मंशा के अनुरूप ही होनी चाहिए।
इसी आधार पर बी.बी.एम.बी. ने केंद्र सरकार से सी.आई.एस.एफ. तैनाती की मांग की, जिसे मंजूरी मिल गई। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, 296 सी.आई.एस.एफ. जवान नंगल डैम की रक्षा के लिए तैनात किए जाएंगे। इस ड्यूटी के लिए बी.बी.एम.बी. को लागत देनी होगी, जो कुल लगभग 8.58 करोड़ आंकी गई है। इसमें प्रत्येक जवान पर ₹2,90,100 के हिसाब से भुगतान शामिल है। साथ ही, बी.बी.एम.बी. को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सी.आई.एस.एफ. जवानों के आवास, आवागमन, भोजन और दफ्तर संबंधी सभी सुविधाओं का पूरा प्रबंध किया जाए।