Edited By Kalash,Updated: 11 Mar, 2024 10:18 AM
माननीय सुप्रीम कोर्ट की एक डिविजन बैंच ने पंजाब सरकार व पूर्व कैबेनिट मंत्री अनिल जोशी को नोटिस जारी कर 15 अप्रैल को अदालत में जवाब देने को कहा है
अमृतसर : माननीय सुप्रीम कोर्ट की एक डिविजन बैंच ने पंजाब सरकार व पूर्व कैबेनिट मंत्री अनिल जोशी को नोटिस जारी कर 15 अप्रैल को अदालत में जवाब देने को कहा है। अदालत ने ये नोटिस विगत एक मार्च को जारी किया था। बता दें कि इस बारे में याचिका विनित महाजन निवासी सहज इंकलेव, कश्मीर एवेन्यू अमृतसर द्वारा माननीय अदालत में दायर की है।
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गौरतलब है कि ये याचिका विनित महाजन ने 10 मई 2014 को उस पर हुए हमले को लेकर डाली है। उक्त मामले में पहले 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, इनमें एक पार्षद की भी गिरफ्तारी हुई थी, जिसकी इस समय मृत्यु हो चुकी है। ज्ञात रहे कि उस समय अनिल जोशी पंजाब सरकार में कैबेनिट मंत्री थे और पुलिस द्वारा अदालत में पेश किए गए चालान में उनका नाम नहीं था। शिकायतकर्त्ता विनित महाजन ने सैशन कोर्ट में अपनी गवाही के दौरान पूर्व कैबेनिट मंत्री अनिल जोशी का नाम लिया था और साथ ही सैक्शन 319 के तहत एक याचिका दायर करते हुए उक्त मामले में जोशी को केस में आरोपी बनाए जाने की अपील की थी, परंतु खास बात यह है कि उक्त याचिका को माननीय सैशन कोर्ट ने रद्द कर दिया था।
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इसके बाद विनित महाजन ने सैशन कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का रूख करके वहां पर इस प्रति याचिका दायर कर दी थी, परंतु उस समय भी माननीय हाईकोर्ट ने इस पर अपनी सहमति नहीं दी और उक्त याचिका को खारिज करते हुए सैशन कोर्ट के आर्डर को बरकरार रखा। इससे विनित महाजन ने अपने आपको पीड़ित महसूस करते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट में एस.एल.पी (स्पैशल लीव एपलीकेशन) के तहत याचिका दायर की, जिस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार व पूर्व मंत्री अनिल जोशी को 15 अप्रैल बारे नोटिस जारी किया है।
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बता दें कि इससे पहले बी विनित महाजन इसी केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जा चुके है, तब ये मामला धारा 307 के अधीन चल रहा था, परंतु पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जारी किए अपने आदेशों में धारा 307 हटा दी थी। इस बारे में याचिकर्त्ता विनित महाजन का कहना है कि ये नोटिस कानूनी प्रक्रिया के तहत जारी हुआ है और ये लड़ाई वो अपनी अंतिम सांसों तक लड़ेंगे। वहीं पूर्व कैबेनिट मंत्री अनिल जोशी का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई भी नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है।
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