Edited By Vatika,Updated: 11 Mar, 2024 10:01 AM
एकेडमिक और वोकेशनल विषयों के अंतर को खत्म करने के लिए सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने
लुधियाना: एकेडमिक और वोकेशनल विषयों के अंतर को खत्म करने के लिए सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने सभी स्कूलों में नैशनल फ्रेमवर्क (एन.सी.आर.एफ.) शुरू करने की गाइडलाइन दी है। वैसे यह फ्रेमवर्क वर्ष एकैडमिक ईयर अप्रैल से शुरू किया जाएगा लेकिन 2025 से सी.बी.एस.ई. ने स्कूलों को अभी से इस पर काम करने को कहा है। 11वीं और 12वीं के स्टूडैंट्स को जो क्रैडिट प्वाइंट दिए जाएंगे, वे उनके कॉलेज एडमिशन के दौरान भी जोड़े जाएंगे।
गतिविधियों के लिए भी स्टूडैंट्स को क्रैडिट प्वाइंट दिए जाएंगे। अगले वर्ष से कम से कम एक विषय में 6वीं से 12वीं के बच्चों को वोकेशनल ट्रेनिंग करना अनिवार्य होगा। इससे वोकेशनल एजुकेशन जैसे ब्लू पॉटरी, ब्यूटीशियन, फाइनैंशियल लिटरेसी जैसे विषयों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इससे बच्चों को एक अलग से स्किल सब्जैक्ट सीखने का मौका मिलेगा, साथ ही आगे करियर चुनने में भी आसानी होगी। स्कूलों को एक स्किल लैब शुरू करनी होगी जिसमें बच्चे अपनी रुचि अनुसार विषयों पर काम कर सकेंगे।
स्कूल में ट्रेनिंग देने के लिए टीचर्स आई.टी.आई. या लोकल इंडस्ट्री एक्सपर्ट से भी टाईअप करके बच्चों को स्किल सिखा सकते हैं। साल में 1200 घंटे की पढ़ाई पर छात्रों को 40 क्रैडिट अंक मिलेंगे। इनमें से 950 घंटे स्कूल की पढ़ाई और 250 घंटे बच्चा फील्ड में जाकर क्रैडिट पॉइंट प्राप्त कर सकता है।