सरकारी बसों में सफर करने वालों के लिए खास खबर, आने वाले दिनों में झेलनी पड़ेगी बड़ी मुसीबत

Edited By Urmila,Updated: 14 Feb, 2025 02:48 PM

special news for those traveling in governmen buses

माह के 13 दिन बीत जाने के बावजूद वेतन न मिलने से गुस्साए पनबस ठेका यूनियन के कर्मचारियों ने हड़ताल करने की चेतावनी दी है।

जालंधर: माह के 13 दिन बीत जाने के बावजूद वेतन न मिलने से गुस्साए पनबस ठेका यूनियन के कर्मचारियों ने हड़ताल करने की चेतावनी दी है। वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं को फ्री बस सुविधा मुहैया करवाने के बदले में सरकार द्वारा विभाग को बनती राशि जारी की जाती है, लेकिन मौजूदा समय में 700-800 करोड़ रुपए बकाया खड़ा हो चुका है, जिसके लिए सरकार द्वारा फंड जारी नहीं किया जा रहा। इसी क्रम में कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा, क्योंकि सरकार फंड जारी करने में देरी कर रही है।
इसी क्रम में ठेका कर्मचारियों ने डिपुओं के समक्ष रोष प्रदर्शन करने का फैसला लिया है, इसके अंतर्गत यदि तुरंत प्रभाव से वेतन जारी नहीं हुआ तो सभी शहरों के डिपुओं में रोष रैलियां करके सरकार विरोधी नीतियों की आलोचना की जाएगी। कर्मचारियों के रोष ने ठेकेदार व विभाग की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए है।

कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए मांग रखी गई है कि उन्हें लिखित में दिया जाए कि वेतन 5-7 तारीख तक जारी कर दिया जाएगा और यदि ऐसा नहीं होता तो ठेकेदार पर बनती विभागीय कार्रवाई होगी। इस संबंध में यूनियन ने पंजाब स्तरीय मीटिंग बुलाई है, जिसमें अगामी योजना पर विचार-विमर्श करते हुए बड़े स्तर पर संघर्ष का ऐलान किया जाएगा। प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल, महासचिव शमशेर सिंह शेरा ने कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा पहले भी कई बार 5 तारीख तक वेतन मिलने का आश्वासन दिलाया गया है लेकिन हर बार वेतन देरी से रिलीज किया जाता है।

डिपो-2 के प्रधान सतपाल सिंह सत्ता, डिपो-1 से बिक्रमजीत सिंह बिक्का, चानण सिंह, हरजिंदर सिंह, दलजीत सिंह, मलकीत सिंह, कुलविंदर सिंह, जतिन्द्र सिंह, कुलदीप सिंह व अन्यों ने ठेकेदार की नीतियों के खिलाफ रोष जताया। सतपाल सिंह ने कहा कि कई बार कर्मचारियों को वेतन देने के लिए फंड भी उपलब्ध नहीं होता, जिसके चलते उन्हें कई-कई दिनों तक वेतन का इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि तुरंत प्रभाव से उनकी मांगों को हल करने के प्रति कदम नहीं उठाए गए तो अगले सत्र में सरकार का विरोध जताया जाएगा और मंत्रियों के विधानसभा हलकों में रोष रैलियां की जाएगी। बिक्का ने कहा कि सरकार द्वारा पक्का करने की मांग प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। संघर्ष कर रही यूनियनों को दबाने के लिए हर तरह की कोशिशें की जा रही हैं, ताकि कर्मचारी काम छोड़ने पर विवश हो जाएं।

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