लिंग निर्धारण टैस्ट के मामले में पुलिस ने की लापरवाही, थानेदार सस्पेंड

Edited By Vaneet,Updated: 28 Dec, 2019 08:39 PM

sho suspended

थाना सिटी के एक थानेदार अमरजीत सिंह को मित्तल लैब में हुए लिंग निर्धारण टेस्ट के मामले में लापरवाही दिखाने ...

मोगा(संजीव गुप्ता)- थाना सिटी के एक थानेदार अमरजीत सिंह को मित्तल लैब में हुए लिंग निर्धारण टेस्ट के मामले में लापरवाही दिखाने पर एसएसपी मोगा ने सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई पंजाब केसरी में प्राथमिकता के आधार पर छपे समाचार पर हुई है। हालांकि पुलिस ने सारा मामला एएसआई पर डालकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया, जबकि सच्चाई ये है कि अभी भी इस मामले को दबाए हुए है, अभी तक पुलिस ने सेंटर से सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर नहीं खंगाली है। पुलिस कार्रवाई के बीच में ही मौके से वापस चली गई थी। बाद में डीसी संदीप हंस की सख्ती के बाद दोबारा पुलिस डीएसपी सिटी के नेतृत्व में मौके पर पहुंची थी।

यह था मामला
खालसा स्कूल के सामने बीएम स्केनिंग सेंटर पर हरियाणा के सिरसा से सहायक सिविल सर्जन डॉ. बुद्धराम के नेतृत्व में पहुंची 11 सदस्यीय टीम ने स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लिंग परीक्षण का मामला रंगे हाथों पकड़ा गया था। रेड में लिंग परीक्षण के लिए महिला को लेकर पहुंचा झोलाछाप डॉक्टर व ट्रेंड दाई को रंगे हाथों उसी नगद राशि के साथ पकड़ा गया था। हालांकि हैरानी की बात है कि सभी लोग एक ही कमरे के अंदर मौजूद थे, इसके बावजूद रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर वरुण मित्तल व उसकी सहयोगी नर्स रविंदर कौर वहां से फरार हो गए थे।

एक तरफ सिरसा के सहायक सिविल सर्जन डॉ. बुद्धराम मिशन सफल होने की सूचना अपने अधिकारियों को दे रहे थे। दूसरी तरफ मोगा पुलिस कार्रवाई बीच ही छोड़कर वापस लौट गई थी। ये मामला 27 दिसंबर के अंक में प्रमुखता से छपने के बाद एसएसपी अमरजीत सिंह बाजवा ने इस लापरवाही के लिए दोषी मानते हुए एएसआई अमरजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस के बीच में ही वापस चले जाने के कारण सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मौके पर चेक नहीं की जा सकी, जबकि डॉ. बुद्धराम बार-बार मोगा पुलिस से मांग कर रहे थे कि पुलिस की टेक्नीकल टीम बुलाकर सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक कराई जाए ताकि सेंटर की गतिविधियों का पर्दाफाश हो सके, लेकिन पुलिस ने मौके पर टेक्नीशियन नहीं बुलाया, जबकि लैब में मौजूद स्टाफ ने सीसीटीवी कैमरे का पासवर्ड पुलिस को नहीं बताया। बाद में दोबारा पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर पुलिस को सौंप दी थी लेकिन अभी डीवीआर के राज बाहर नहीं आ सके हैं।

मोगा की पीएनडीटी कमेटी ने भी पुलिस पर भरोसा करने के बजाए कोर्ट खुलते ही इस मामले सीधे केस दायर करने का फैसला लिया है। एक जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोर्ट में केस दायर करेंगे। इसकी पुष्टि पीएनडीटी के जिला कॉर्डीनेटर ओमप्रकाश ने की।

क्या कहते हैं थाना प्रभारी
थाना प्रभारी इंस्पेक्टर लक्ष्मण सिंह ने माना कि एएसआई अमरजीत सिंह को रेडियोलॉजिस्ट डॉ. वरुण मित्तल पर निगाह रखने को कहा गया था, लेकिन उसने रेडियोलिस्ट को भगा दिया। एसएसपी ने इस गंभीरता से लेते हुए एएसआई को सस्पेंड कर दिया।

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