फिर खुले पंजाब के स्कूल, इन अध्यापकों और विद्यार्थियों की एंट्री होगी बैन

Edited By Urmila,Updated: 07 Feb, 2022 03:19 PM

schools of punjab open the entry these teachers and students will be banned

जिले में कम हो रहे कोरोना के प्रभाव को देखते हुए सरकार द्वारा स्कूलों को आज से खोलने का फैसला किया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा जिले के एक हजार मिडल हाई तथा सीनियर सैकेंडरी स्कूलों...

अमृतसर (दलजीत): जिले में कम हो रहे कोरोना के प्रभाव को देखते हुए सरकार द्वारा स्कूलों को आज से खोलने का फैसला किया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा जिले के एक हजार मिडल हाई तथा सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में आने वाले अध्यापकों व विद्यार्थियों के लिए जहां नई गाइडलाइन्स जारी की है, वहीं स्पष्ट किया है कि नियमों की पालना न करने के लिए स्कूल मुखी जवाब दे होंगे। विभाग ने स्पष्ट किया है कि बच्चों को वैक्सीन लगाना लाजमी है तथा खांसी, जुकाम व बुखार होने पर अध्यापक तथा विद्यार्थियों को स्कूल में एंट्री न करने दी जाए, मास्क लगाना बेहद लाजमी है।

जानकारी के अनुसार अमृतसर कोरोना का प्रभाव दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है। सरकार द्वारा कोरोना की धीमी पड़ रही, रफ्तार को देखते हुए स्कूलों को सोमवार से खोलने का फैसला किया है। शिक्षा विभाग द्वारा जिले के 420 सरकारी मिडिल हाय तथा सीनियर सैकेंडरी स्कूल के अलावा 600 प्राइवेट तथा मान्यता प्राप्त स्कूलों में कोरोना गाइडलाइंस की इन बिन पालना करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

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जिला शिक्षा अधिकारी शिक्षा अधिकार सैकेंडरी जुगराज सिंह रंधावा ने सिंह रंधावा बताया कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है। इसके अलावा सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों के सभी अध्यापकों को वैक्सीन का सुरक्षा कवच पहना दिया गया है। इसी तरह स्कूलों में आने वाले विद्यार्थियों को भी वैक्सीन लगाई गई है। स्कूलों को गाइडलाइन जारी की गई है कि स्कूल में विद्यार्थी तथा अध्यापक की एंट्री के समय उसका बुखार चैक किया जाए। इसके अलावा यह जरूर देखा जाए कि किसी भी अध्यापक या विद्यार्थी को खांसी, जुकाम व बुखार की शिकायत तो नहीं है। यदि ऐसी कोई शिकायत है तो उसे स्कूल में एंट्री से पहले ही घर भेज दिया जाए तथा डाक्टर के संपर्क में रहने के लिए कहा जाए।

उन्होंने बताया कि सभी कक्षाओं में मास्क लगाना बेहद लाजमी है। कक्षाओं के बीच में भी सैनीटाइजर का खास प्रबंध रखा जाए। विद्यार्थियों को निर्देश दिए जाएं कि एक दूसरे की पानी की बोतल का इस्तेमाल न करें। विद्यार्थी भी घर से अपना सैनीटाइजर लेकर आए तथा रीजुगराज साफ सफाई का ध्यान रखें।

 उन्होंने बताया कि इसी तरह विभाग द्वारा जिले में चार चैकिंग टीमों का गठन किया गया है जो निरंतर स्कूलों में कोरोना गाइडलाइंस की पालना करवाने के लिए चैकिंग करती रहेंगी। स्कूल प्रबंधक की जिम्मेदारी होगी कि गाइडलाइन की स्कूल में पालना हो रही है कि नहीं चैकिंग टीम में यदि विभाग के ध्यान में लाया कि संबंधित स्कूल में नियमों की पालन नहीं हो रही तो विभाग द्वारा उस स्कूल मुखी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा स्कूल में सोशल डिस्टैसिंग में का इस्तेमाल करना बेहद लाजमी है। उन्होंने बताया कि सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों को नियमों की पालना करवाना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी अपील की जिन विद्यार्थियों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगाई है, वह जरूर लगवाएं।

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रासा ने किया स्कूल खोलने के फैसले का स्वागत
मान्यता प्राप्त तथा एफिलिएटिड स्कूल एसोसिएशन रास्ता के प्रांतीय महासचिव सुजीत शर्मा बबलू, सीनियर नेता प्रिंसीपल सुशील अग्रवाल, प्रिंसीपल गौरव अरोड़ा, हर्षदीप सिंह मेहता, कमल जोत सिंह ने कहा कि जिले में कोरोना का प्रभाव कम हो रहा था। रासा द्वारा लंबे समय से स्कूलों को खोलने की मांग की जा रही थी, सरकार द्वारा सभी स्थानों को खोल दिया गया था, परंतु स्कूलों को नहीं खोला गया था, जिस कारण स्कूल मुख्य में भारी रोष था, परंतु सरकार द्वारा अभी भी जो फैसला लिया गया है वह ठीक है। रासा के सभी स्कूल कोरोना गाइडलाइंस की पालना कर रहे हैं तथा करते रहेंगे। पहले भी स्कूलों द्वारा बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए ऑनलाइन बढ़िया ढंग से पढ़ाई करवाई जा रही थी, परंतु अब विद्यार्थी स्कूलों में आकर और अच्छी मेहनत करके परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।

किसान मजदूर व अध्यापक संगठनों ने 8 को पंजाब में चक्के जाम का किया था ऐलान
पंजाब में स्कूलों को खुलवाने के लिए किसान मजदूर तथा अध्यापक संगठनों ने 8 फरवरी को पंजाब में चक्के जाम का ऐलान किया था, परंतु सरकार द्वारा संघर्ष से पहले ही स्कूलों को खोल दिया। गया है। संगठनों का कहना था कि यदि सभी वर्गों को कोरोना के दौरान छूट दी जा रही है तथा सभी अदारी खोले जा रहे हैं तो बच्चों के भविष्य क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है, वहां पर बच्चों को पढ़ाने के लिए क्यों नहीं बुलाया जा रहा। इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा गत दिवस डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर भी रोष प्रदर्शन किया गया था व डैमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रधान अश्वनी अवस्थी ने बताया कि स्कूलों को खुलवाने की मांग को लेकर जिले भर में सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन भी किए गए हैं।

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स्कूल खुलने से विद्यार्थी व अभिभावक खुश
सरकार द्वारा स्कूल खोलने के लिए गए फैसले के बाद विद्यार्थी तथा अभिभावकों में काफी खुशी पाई जा रही है। विद्यार्थियों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई करके वह थक गए हैं तथा कहीं विद्यार्थियों का तो यहां तक कहना था कि मोबाइल पर पढ़ाई करने के बाद उनको नजरों की अनेक लग गई है। उधर, दूसरी तरफ अभिभावकों ने कहा कि उनके बच्चों ने कोरोना वैक्सीन की डोज लगवा ली है, उनके बच्चे नियमों की पालना कर रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई से विद्यार्थियों का सही ढंग से मार्गदर्शन नहीं हो रहा था, परंतु अब स्कूल खुलने के बाद वह बढ़िया ढंग से स्कूल में जाकर पढ़ाई कर पाएंगे। उन्होंने सरकार से मांग की कि एलिमेंट्री स्कूलों को भी जल्द खोला जाए।

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