'पंजाब के हित बेचकर बादल अब SYL के मुद्दे पर उच्च नैतिकता का पाखंड न करें'

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jul, 2017 09:27 AM

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पंजाब कांग्रेस ने बादलों द्वारा सतलुज-यमुना लिंक नहर (एस.वाई.एल.) के मुद्दे पर राज्य के पानियों के अधिकार बेचने और पिछले 10 वर्षों दौरान

जालंधर(धवन): पंजाब कांग्रेस ने बादलों द्वारा सतलुज-यमुना लिंक नहर (एस.वाई.एल.) के मुद्दे पर राज्य के पानियों के अधिकार बेचने और पिछले 10 वर्षों दौरान अदालतों में राज्य के हितों की पैरवी न करने के बाद अब इस मुद्दे पर उच्च नैतिकता का पाखंड रच कर लोगों को गुमराह करने की कड़ी आलोचना की है। 

पंजाब कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी बयान में कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा तथा राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर सिंह बादल दोनों ही अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह को उकसाने की कोशिश में लगे हुए हैं जिससे इन दोनों नेताओं की न्यायपालिका में विश्वास की बड़ी कमी झलकती है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बादलों ने न तो कभी कानून में भरोसा रखा और न ही सत्ता में रहते हुए एस.वाई.एल. के मुद्दे पर पंजाब के लिए असरदार कदम उठाए। उन्होंने कहा कि वास्तव में पूर्व मुख्यमंत्री बादल ने जानबूझ कर अदालत में इस मामले को उलझाया क्योंकि उनकी यह चाल उनके पहले शासनकाल दौरान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. देवी लाल के साथ हुए समझौते का हिस्सा थी। 

कांग्रेस मंत्रियों ने कहा कि बादल की अध्यक्षता वाली पूर्व पंजाब सरकार ने हरियाणवी वकील अशोक अग्रवाल को एडवोकेट जनरल नियुक्त किया था जो एक समय चौटाला सरकार के अधीन हरियाणा के एडवोकेट जनरल भी रहे। वह कभी एस.वाई.एल. की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश नहीं हुए। कैप्टन ने अपनी पहली पारी के दौरान 2004 में पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमैंट एक्ट पास करवाया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के सामने बादल ने कैप्टन सरकार द्वारा लिए गए फैसले को रखा ही नहीं। 20 फरवरी, 1978 को जारी अधिसूचना सहित बादल ने पंजाब के साथ धोखा किया। इसके बाद बादल ने पत्र नं. 7/78-1 डब्ल्यू. (द्व) 78/23617 द्वारा हरियाणा सरकार से 3 करोड़ की अदायगी करने की मांग की क्योंकि वह इस उद्देश्य के लिए 2 करोड़ पहले ही हासिल कर चुके थे। हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 1 मार्च, 1978 को विधानसभा में इसको स्वीकृति भी दी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कै. अमरेन्द्र सिंह एस.वाई.एल. के विरुद्ध लिए गए स्टैंड पर अटल हैं तथा वह पंजाब के पानी की रक्षा हर हाल में करेंगे।

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