Edited By Urmila,Updated: 14 Feb, 2024 06:18 PM
महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित तख्त सचखंड हजूर अबचलनगर साहिब से जुड़े संशोधन एक्ट को लेकर बड़ी खबर सामने आई है।
पंजाब डेस्क: महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित तख्त सचखंड हजूर अबचलनगर साहिब से जुड़े संशोधन एक्ट को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। महाराष्ट्र सरकार ने संशोधन एक्ट को विधानसभा में पेश करने का फैसला टाल दिया है। बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेधार ज्ञानी रघबीर सिंह और एस.जी.पी.सी. प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह ने भी इस संशोधन एक्ट को लेकर एतराज जताया था जिसके चलते एक्ट में संशोधन को लेकर नाराज संगत और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ 2 दिन पहले ही मोर्चा खोल दिया था।
महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना-एन.सी.पी. के गठबंधन वाली सरकारी की ओर से तख्त हजूर अबचलनगर साहिब का कामकाज देखने वाले बोर्ड में मैंबरों की नियुक्ति से जुड़े एक्ट में बदलाव और तख्त श्री हजूर साहिब प्रबंधक बोर्ड एक्ट में संशोधन सिख गुरुद्वारों की व्यवस्था में सीधी दखलअंदाजी है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने तख्त श्री हजूर साहिब प्रबंधक बोर्ड नांदेड़ ने अधिनियम में संशधोन किया। इस संशोधन के तहत मनोनीत सदस्यों की संख्या में वृद्धि कर दी गई और प्रबंधकी बोर्ड में एस.जी.पी.सी. के 4 सदस्यों की संख्या कम करके 2 कर दी गई। वहीं मौजूदा बोर्ड ने कुल सदस्यों की संख्या 17 होने का प्रस्ताव है जिनमें 12 सदस्य सरकार मनोनीत करने की जानकारी मिली थी।
यह भी बात सामने आई है कि सिख संस्था चीफ खालसा दीवान से सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार भी छीन लिया गया है। एस.जी.पी.सी. से सदस्यों की नियुक्ति करने की बात कही गई। अन्य सदस्यों की नियुक्ति चुनाव प्रक्रिया द्वारा करने का फैसला लिया गया। महाराष्ट्र के इस फैसले पर एस.जी.पी.सी. ने विरोध किया है। महाराष्ट्र सरकार की ऐसी कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने कहा कि तख्त श्री हजूर साहिब प्रबंधक बोर्ड एक्ट में संशोधन सिख गुरुद्वारों की व्यवस्था में सीधी दखलअंदाजी है।
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