Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Aug, 2017 12:44 PM
रियासती नगरी में रियासतों के समय गौशाला का निर्माण महाराजा हीरा सिंह ने करवाया था। इसके अब 3 यूनिट हैं। इनके लिए जमीन भी महाराजा नाभा ने ही दान की थी।
नाभा (जैन): रियासती नगरी में रियासतों के समय गौशाला का निर्माण महाराजा हीरा सिंह ने करवाया था। इसके अब 3 यूनिट हैं। इनके लिए जमीन भी महाराजा नाभा ने ही दान की थी।
एक यूनिट गांव वजीदपुर है, जहां 800 से अधिक पशुधन हैं। 2 यूनिट नाभा में हैं, जिनमें 900 से अधिक पशुधन कई कवर्ड/ओपन शैडों में विराजमान हैं। लगभग 18-19 महीनों से स्थानीयनगर कौंसिल ने लाखों रुपए काऊ सैस कई तरह की आइटमों पर लगा कर वसूल किया। शराब और वाहनों पर भी टैक्स गऊओं की संभाल के लिए वसूल किया जाता है परंतु सरकार गऊओं की संभाल की ओर ध्यान नहीं देती है। यहां 4 दिन डेरा प्रमुख विवाद के कारण कफ्र्यू लगता रहा और खुलता रहा, जिस कारण 900 गऊएं भूखी तड़पती रहीं।
किसी को कोई तरस नहीं आया और न ही प्रशासन ने कोई खबर ली। मृतक पशुओं को उठाने का कोई प्रबंध नहीं था, जिस कारण गऊ भक्तों में सरकार के खिलाफ रोष है। बार एसोसिएशन के प्रधान ज्ञान सिंह मूंगो एडवोकेट ने बताया कि 18-19 महीनों दौरान स्थानीय प्रशासन की तरफ से इकट्ठा किए गए काऊ सैस की जानकारी आर.टी.आई. के द्वारा मांगी गई है, जिसकी वसूली की कोर्ट में अपील की जाएगी।