Punjab: यूनिवर्सिटी कानून संशोधन बिल को नहीं मिली मंजूरी, राष्ट्रपति ने वापस भेजा बिल

Edited By Kamini,Updated: 17 Jul, 2024 01:18 PM

punjab university law amendment bill did not get approval

राष्ट्रपति ने 'पंजाब यूनिवर्सिटी कानून (संशोधन) विधेयक 2023' को बिना मंजूरी के राज्य सरकार को लौटा दिया है। इस बिल के तहत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की शक्ति राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री को देने का अनुरोध किया गया था।

पंजाब डेस्क : राष्ट्रपति ने 'पंजाब यूनिवर्सिटी कानून (संशोधन) विधेयक 2023' को बिना मंजूरी के राज्य सरकार को लौटा दिया है। इस बिल के तहत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की शक्ति राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री को देने का अनुरोध किया गया था। अब इस बिल की वापसी से राज्यपाल ही यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बने रहेंगे। पंजाब विधानसभा ने इस बिल को पिछले साल 21 जून को सर्वसम्मति से पारित किया था। बिल का उद्देश्य राज्य के 12 स्टेट यूनिवर्सिटी के चांसलर की शक्ति को राज्यपाल से मुख्यमंत्री को देना था। राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह यह विधेयक पंजाब राजभवन को लौटा दिया था।

राजभवन सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजे गए 3 बिलों में से इस उपरोक्त विधेयक को वापस भेज दिया गया है। पंजाब के राज्यपाल ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत पंजाब विधानसभा द्वारा पारित 3 विधेयकों को भारत के राष्ट्रपति के लिए आरक्षित कर दिया। राज्यपाल ने बाद में इन 3 विधेयकों 'पंजाब यूनिवर्सिटी कानून (संशोधन) विधेयक 2023', 'पंजाब पुलिस (संशोधन) विधेयक' और 'सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक' को राष्ट्रपति के पास भेजा।

'पंजाब यूनिवर्सिटी कानून (संशोधन) विधेयक 2023' अब उच्च शिक्षा विभाग के पास वापस आ गया है और इस बिल को मंजूरी मिलने से राज्यपाल की शक्तियां कम हो जाएंगी। राष्ट्रपति से मंजूरी नहीं मिलने के बाद अब राज्य संचालित यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति राज्यपाल ही बने रहेंगे। गौरतलब है कि ये बिल काफी समय से लंबित थे क्योंकि राज्यपाल ने जून 2023 के सत्र को अवैध घोषित कर दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जून 2023 के सत्र को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया और राज्यपाल से इस सत्र में पारित विधेयकों पर निर्णय लेने को कहा। बाद में राज्यपाल ने 'पंजाब एफीलीएटिड कॉलेज (सेवा की सुरक्षा) संशोधन बिल' को मंजूरी दे दी थी।

गौरतलब है कि 2023 में पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज फरीदकोट के चांसलर की नियुक्ति को लेकर पंजाब के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के बीच टकराव हो गया था।  इसके बाद ही पंजाब विधानसभा द्वारा यह बिल पारित किया गया था। सदन में पारित बिल के लिए सरकार ने पंजाबी यूनिवर्सिटी एक्ट 1961, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर एक्ट 1969, गुरु नानक देव पंजाब स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी एक्ट 2019, गुरु तेग बहादुर स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ पंजाब एक्ट 2020, आईकेगुजराल पंजाब टेक्निकल पेश किया है।

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