पंजाब शिक्षा विभाग का स्कूलों की विकास ग्रांटों को लेकर बड़ा कदम, जारी हुए सख्त निर्देश

Edited By Urmila,Updated: 13 Jul, 2025 10:35 AM

punjab schools grants

पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी स्कूलों को भेजी जा रही विकास ग्रांट की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है।

लुधियाना (विक्की): पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी स्कूलों को भेजी जा रही विकास ग्रांट की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। विभाग द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (सैकेंडरी व एलीमैंटरी) को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि स्कूलों को दी गई किसी भी प्रकार की कैपिटल ग्रांट चाहे वह कक्षाओं के निर्माण, लैब की स्थापना या मरम्मत से संबंधित हो, बिना उचित वैरिफिकेशन के राज्य स्तर तक रिपोर्ट नहीं पहुंचेगी।

इस निर्णय का उद्देश्य केवल आंकड़ों की शुद्धता नहीं बल्कि फंड के न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करना है। बीते समय में यह देखा गया कि जब भी स्कूलों से डाटा इकट्ठा किया जाता है, उसमें कई खामियां होती हैं। कई स्कूल अपनी वास्तविक जरूरत से अधिक ग्रांट ले लेते हैं जबकि कई योग्य स्कूल जरूरत के बावजूद पीछे रह जाते हैं। इसी पृष्ठभूमि में अब वैरिफिकेशन की सख्त प्रक्रिया लागू की जा रही है। सभी स्तरों क्लस्टर, ब्लॉक और जिला पर जानकारी की पुष्टि कर संबंधित अधिकारी से प्रमाण पत्र लिया जाएगा, जिससे फंड वितरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता की संभावना समाप्त हो जाए। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य स्पष्ट है बिना वास्तविक जरूरत और सही सूचना के कोई स्कूल फंड का गलत उपयोग न कर सके और जिन्हें वास्तव में जरूरत है, उन्हें समय पर सहायता मिले।

वैरिफिकेशन प्रक्रिया : प्राइमरी स्कूलों के लिए

• क्लस्टर स्तर : संबंधित सी.एच.टी. द्वारा अपने अधीन स्कूलों की वैरिफिकेशन करके सर्टीफिकेट दिया जाएगा।
• ब्लॉक स्तर : बी.पी.ई.ओ. द्वारा क्लस्टरों से प्राप्त सूचना की वैरिफिकेशन करके सर्टीफिकेट दिया जाएगा।
• जिला स्तर : जिला स्तर से राज्य स्तर पर डाटा भेजने से पहले वैरिफिकेशन करने के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी जिसकी अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे। इसमें डिप्टी डी.ई.ओ., ए.सी. स्मार्ट स्कूल, बिल्डिंग शाखा का प्रतिनिधि व जे.ई. (सिविल वर्क्स) शामिल होंगे।

अपर प्राइमरी स्कूलों के लिए

• क्लस्टर स्तर : संबंधित कॉम्पलैक्स प्रमुख या डी.डी.ओ. द्वारा अपने अधीन स्कूलों की वैरिफिकेशन करके सर्टीफिकेट दिया जाएगा।
• ब्लॉक स्तर : बी.एन.ओ.
• जिला स्तर : जिला स्तर से राज्य स्तर पर डाटा भेजने से पहले वैरिफिकेशन करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में निम्न लिखित कमेटी का गठन किया जाएगा

1. डिप्टी डी.ई.ओ.
2. डी.एस.एम. स्मार्ट स्कूल
3. बिल्डिंग शाखा का प्रतिनिधि
4. जे.ई. (सिविल वर्क्स)

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