रोजाना हाई अलर्ट पर रहती है Punjab पुलिस, फिर भी हो जाती हैं वारदातें!

Edited By swetha,Updated: 07 Sep, 2019 08:56 AM

punjab police remains on high alert every day yet incidents happen

ब्लास्ट न होता तो फैस्टिवल सीजन में कामयाब होती साजिश

जालंधर(सूरज ठाकुर): हाल ही में तरनतारन में हुए ब्लास्ट की घटना में 2 युवकों की मौत हो गई जबकि एक युवक की आंखों की रोशनी चली गई। सूत्रों के मुताबिक इसे पुलिस आतंकी गतिविधियों और टैरर फंडिंग से जोड़कर देख रही है। यह भी कहा जा रहा है कि मृतक आरोपी और उनका जीवित साथी फैस्टिवल सीजन में बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे।  इसी बीच सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह का बयान आया है कि तीनों युवक बोतल बम बना रहे थे और ब्लास्ट होने पर 2 की मौत हो गई। पंजाब एक ऐसा प्रदेश है, जहां बीते कई साल से प्रशासन और पुलिस हाई अलर्ट पर रहते हैं परंतु फिर भी बड़े-बड़े हादसे घटित हो जाते हैं। 

जनता की हिफाजत करने वाली पुलिस खुद भी महफूज नहीं

यही नहीं आम जनता की हिफाजत करने वाली पुलिस खुद भी ज्यादा महफूज नहीं है। इसका जीता-जागता सबूत है 2015 में दीनानगर पुलिस थाने में हुआ आतंकी हमला जिसमें एस.पी. समेत पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए थे। वर्तमान में विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थक रैफरैंडम 2020 की तैयारी में जुटे हुए हैं।  सरकार के पास इनपुट होने के बावजूद तरनतारन ब्लास्ट जैसी घटनाएं घटित हो रही हैं।

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ब्लास्ट न होता तो फैस्टिवल सीजन में कामयाब होती साजिश

तरनतारन ब्लास्ट न हुआ होता तो पुलिस हाई अलर्ट पर ही रह जाती और आरोपियों की साजिश फैस्टिवल सीजन में कामयाब हो जाती। बता दें कि पुलिस के हाई अलर्ट पर रहते हुए पंजाब में आतंकियों ने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है। अगर बटाला में पटाखों की फैक्टरी में हुए ब्लास्ट में मारे गए 23 लोगों की बात करें तो इस मामले की न्यायिक जांच हो रही है। पंजाब में पटाखों की फैक्टरियों में लगी आग के बाद हुए धमाकों में इतने लोग कभी नहीं मारे गए हैं। हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। हाई अलर्ट पर रहने वाली पुलिस हादसे के बाद डबल मुस्तैद हो गई है। कई अवैध पटाखों के ट्रक रातों-रात जब्त कर लिए गए। प्राकृतिक आपदा की बात करें तो भाखड़ा डैम का पानी छोड़ने के बाद बाढ़ में सैंकड़ों गांव पानी में डूब गए। बरसात से पहले बचाव के प्रबंध नहीं थे जिस कारण हालात बदतर हो गए। इसके बाद प्रशासन डबल हाई अलर्ट पर रहा।

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रैफरैंडम की दस्तक

2016-2017 के बीच पंजाब के मोहाली, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, बरनाला, गुरदासपुर, पटियाला, मोगा, अमृतसर, होशियारपुर व तरनतारन में खालिस्तान तथा रैफरैंडम 2020 के समर्थन में पोस्टर लगाने के कई मामले सामने आए हैं। 15 सितम्बर 2018 को पंजाब के जालंधर जिले के मकसूदां थाने में 4 धमाके हुए थे। 10 अक्तूबर 2018 को पंजाब पुलिस व जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑप्रेशन में जालंधर के एक इंजीनियरिंग कालेज से 3 कश्मीरी छात्र गिरफ्तार हुए, जिनसे ए.के. 56 और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए थे। इसके अलावा 2018 में ही अमृतसर के एक सत्संग भवन में बाइक सवारों ने बम फैंक दिया था जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी। विधानसभा में सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 20 से ज्यादा आतंकी मॉड्यूल्स का पर्दाफाश किया गया है। इनसे भारी मात्रा में असला, बारूद और हथियार बरामद किए गए हैं। 

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370 हटाए जाने के बाद बड़ी चुनौती 

सर्वविदित है कि विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थक रैफरैंडम 2020 की तैयारी में जुटे हुए हैं। कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तानी सरपरस्ती में पल रहे आतंकी संगठन खालिस्तान समर्थकों के रैफरैंडम को हवा देने में जुटे हुए हैं। कश्मीर को लेकर जब अलगाववादी विदेशों में प्रदर्शन करते हैं तो इनके पीछे खालिस्तानी समर्थन भी खड़े हो रहे हैं। बदले हुए हालात में यह पंजाब के लिए एक बड़ी चुनौती है। खालिस्तान को लेकर 13 जून, 2014 को न्यूयार्क स्थित सिख फार जस्टिस ने रैफरैंडम 2020 मुहिम के समर्थन में पहली रैली की थी। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने 2017 में सत्ता संभाली और अगस्त 2018 में सिख फार जस्टिस ने लंदन के ट्रैफ्लगर स्क्वायर में रैफरैंडम 2020 को कामयाब बनाने के लिए रैली की। इसके बाद पंजाब में आतंकी मॉड्यूल सक्रिय हो गए और प्रदेश की पुलिस हाई अलर्ट पर ही रही।

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कॉरीडोर पर है खालिस्तानी समर्थकों की नजर 

सिख फार जस्टिस ने करतारपुर कॉरीडोर के निर्माण को खालिस्तान के लिए पुल बताया है। यही नहीं, करतारपुर में कॉरीडोर के उद्घाटन समारोह में खालिस्तान जनमत के साथ गोपाल चावला की तरफ  से बधाई से संबंधित पोस्टर भी लगे थे। कुख्यात खालिस्तान समर्थक चावला को हाफिज सईद और आई.एस.आई. का करीबी माना जाता है। यही वजह है कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर सिख फार जस्टिस पाकिस्तान करतारपुर साहिब सम्मेलन 2019 आयोजित करने की योजना बना चुका है। इस पर गहन ङ्क्षचतन करने की आवश्यकता है, नहीं तो पंजाब बुरी तरह से दोबारा आतंक की गिरफ्त में आ सकता है।

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हाई अलर्ट पर थी पुलिस, फिर भी हो गए 2 बड़े हमले

27 जुलाई 2015 को आतंकियों ने गुरदासपुर के दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था। इस हमले में गुरदासपुर के एस.पी. सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें से 7 पुलिस जवान भी थे। इसके अलावा 2 कैदी और 3 नागरिक भी मृतकों में शामिल थे।  हैरत की बात तो यह है कि पंजाब में आज तक जितने भी आतंकी हमले हुए हैं उनके पुलिस के पास एजैंसियों के इनपुट थे। पुलिस हमेशा की तरह हाई अलर्ट पर थी फिर भी आतंकी वारदात को अंजाम दे गए थे। इस हादसे के बाद भी पंजाब पुलिस ने सबक नहीं लिया सिर्फ  हाई अलर्ट पर रही। 2 जनवरी, 2016 को आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया जिसमें 7 जवान शहीद हो गए थे और 6 आतंकी मारे गए थे। 

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